नागपुर: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से विधान भवन में उनके कक्ष में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे, अनिल परब और वरुण सरदेसाई भी मौजूद थे।
बता दें कि उद्धव ठाकरे राज्य विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए मंगलवार को नागपुर पहुंचे थे। जहां वे शाम को शिवसेना (यूबीटी) विधायक दल की बैठक में भी शामिल होंगे।
सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को राजनीतिक परिपक्वता दिखानी चाहिए: आदित्य
सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा आज हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। यह एक कदम आगे है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के लिए काम करते समय, दोनों (सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष) को देश और राज्य के हित के लिए एक साथ काम करने के लिए राजनीतिक परिपक्वता दिखानी चाहिए।
इसके साथ ही आदित्य ठाकरे ने ये भी कहा कि मुलाकात के दौरान विपक्ष के नेता के पद पर कोई चर्चा नहीं हुई।
बता दें कि 15वीं विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं है क्योंकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की तीनों पार्टियां 20 नवंबर को हुए चुनाव में 10 प्रतिशत सीटें नहीं जीत पाईं। शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (एसपी) को 10 सीटें मिलीं। गौरतलब है कि भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी केवल 46 सीटों पर सिमट गया।
उद्धव का हमला
इससे पहले नागपुर पहुंचने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर तंज कसा। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्य सरकार से 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक लागू करने से पहले पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की मांग की। साथ ही कहा कि चुनाव आयुक्तों का चयन भी चुनावों के माध्यम से होना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसे कैसे किया जा सकता है।
सरकार की इस योजना पर कसा तंज
ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार की लड़की बहिन योजना पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पिछले महीने विधानसभा चुनाव के दौरान किए वादे के अनुसार देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को लड़की बहिन योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये देना चाहिए। बता दें, फिलहाल महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने दिए जाते हैं। इस पूरी योजना को भाजपा-शिवसेना और एनसीपी यानी महायुति गठबंधन की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी।