आइजोल: मिजोरम विधानसभा के लिए 28 नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर प्रचार पूरे जोरों पर है। हालांकि, 40 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। राज्य में इस बार मुकाबला काफी कड़ा है क्योंकि मिजोरम पूर्वोत्तर का एकमात्र राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार है। त्रिपुरा में माकपा सरकार को हराने के बाद भाजपा इस बार चुनाव में ईसाई बहुल राज्य में पैठ बनाना चाहती है। मुख्यमंत्री लाल थनहवला, उनके कैबिनेट के सहयोगी और मिजोरम प्रदेश कांग्रेस समिति के शीर्ष नेताओं ने पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
साथ ही मुख्य विपक्षी दल एमएनएफ के पूर्व मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने भी प्रचार शुरू कर दिया है। एमएनएफ भाजपा की अगुवाई वाली एनईडीए (उत्तर-पूर्व लोकतांत्रिक गठबंधन) का एक घटक है। मुख्य राजनीतिक दलों ने लगभग सभी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है तथा पार्टी नेताओं, स्टार प्रचारकों एवं कार्यकर्ताओं ने मिजोरम पुपील्स फोरम (एमपीएफ) की निगरानी के तहत घर-घर जाकर कर प्रचार करना शुरू कर दिया है। एमपीएफ का गठन चुनावी सुधार के लिए विभिन्न चर्चों और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने किया है।
मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए दो नवंबर को गजट अधिसूचना जारी किया जाना निर्धारित और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख नौ नवंबर है। चुनाव आयोग ने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच 12 नवंबर को और नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख 14 नवंबर हो सकती है। मिजोरम में मतों की गिनती राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के साथ 11 दिसंबर को किया जाएगा।