ताज़ा खबरें
संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में 13-14 दिसंबर को होगी चर्चा
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट: सुप्रीम कोर्ट बोला- नए मुकदमे कोर्ट दर्ज न करे
किरेन रिजिजू के खिलाफ इंडिया गुट का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल को केद्र सरकार की कैबिनेट ने दी मंजूरी
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने 'महिला सम्मान योजना' को दी मंजूरी
अडानी मुद्दे पर इंडिया गठबंधन सांसदों के संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन
हाथरस में राहुल गांधी से पीड़ित परिवार ने कहा- न घर मिला न नौकरी

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। ईमेल के जरिए दोनों ने अपना इस्तीफा सौंपा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कल (19 जून,बुधवार) बीजेपी में शामिल होंगी।

अपमान झेलने की सीमा होती है: किरण चौधरी

माना जाता है कि बेटी श्रुति चौधरी को लोकसभा टिकट नहीं मिलने से किरण चौधरी कांग्रेस से नाराज हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसी अटकलें लगी थीं कि किरण चौधरी बीजेपी का दामन थामन सकती हैं। हालांकि, उस वक्त उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया था। लेकिन अब कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी की भी अपमान झेलने की एक सीमा होती है।

किरण चौधरी ने कहा, "मैं कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। मैं चार दशकों से कांग्रेस की वफादार सदस्य रही। मैंने अपना जीवन पार्टी और लोगों को समर्पित किया जिनके लिए मैं खड़ी रही हूं। हरियाणा में मैं स्वर्गीय बंसी लाल लाल और आधुनिक हरियाणा के शिल्पकार स्वर्गीय पति सुरेंद्र सिंह की विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती हूं। हालांकि, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं है, जिन्हें बहुत सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से दबाया गया और अपमानित किया गया। व्यवस्थित तरीके से साजिश रची गई।"

पार्टी दुर्भाग्य से एक व्यक्ति-केंद्रित हो गई है: श्रुति चौधरी

अपने इस्तीफे में श्रुति चौधरी ने लिखा, "हरियाणा में कांग्रेस पार्टी दुर्भाग्य से एक व्यक्ति-केंद्रित हो गई है जिसने अपने स्वार्थी के हितों के लिए पार्टी के हित से समझौता किया है। इसलिए अब मेरे लिए आगे बढ़ने का समय है ताकि मैं अपने लोगों के हितों को बनाए रख सकूं और वे मूल्य जिनके लिए मैं खड़ी हूं।"

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख