चंडीगढ़/नई दिल्ली: किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज दूसरा दिन है। किसान आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने किसानों पर सुबह से ही आंसू गैस के गोले दागने शुरु कर दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल भारी संख्या में तैनात हैं। देखा जाए तो कल सिंघु बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ था। देर रात तक प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर के आस.पास जाते रहे और पुलिस आंसू गैस के गोले दागती रही। पुलिस ने कल भी किसानों को तितर.बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे। किसानों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई, इसमें एक डीएसपी सहित कई लोग ज़ख़्मी भी हुए थे।
दिल्ली पुलिस बॉर्डर पर मुस्तैदी से डटी है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था हाइ अलर्ट पर है। देखा जाए तो दिल्ली में हवा से लेकर जमीन तक पर पुलिस की मोर्चेबंदी है। सिंघु बार्डर पर पुलिस और पैरामिलिट्री के जवान डटे हुए हैं। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कंडम बसों को खड़ा किया। कल किसानों ने पहला घेरा को तोड़ दिया था, ऐसे में पुलिस पूरी तरह से चौकस है।
सरकार, किसान और संवाद
सरकार और किसानों के बीच देर रात तक चली बातचीत बेनतीजा रही। किसानों का प्लान है कि वे पहले दिल्ली के पास बॉर्डर पर जमा होंगे और उसके बाद आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे। सरकार का कहना है बातचीत जारी रहेगी, वहीं दूसरी तरफ़ किसान भी आगे बातचीत को लेकर तैयार हैं।
सरकार से बात करें किसान: अनुराग ठाकुर
मीडिया से खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने किसान नेताओं से आग्रह किया कि वो बातचीत के लिए आएं, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की मांगें बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी कहा कि आगजनी और हिंसा नहीं करें।
दिल्ली पुलिस अलर्ट
दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने की तैयारियों के बीच एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिया कि अगर आंदोलनकारी आक्रामकता दिखाते हैं तो उन्हें ‘‘रक्षात्मक होने की जरूरत नहीं‘‘ है। विशेष पुलिस आयुक्त ;कानून एवं व्यवस्थाद्ध रवींद्र यादव ने मंगलवार शाम सिंघू सीमा का दौरा किया जहां सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है। उन्होंने वहां तैनात पुलिस कर्मियों और अर्द्धसैनिक बल के जवानों से कहा कि अगर किसान दिल्ली में प्रवेश करने में कामयाब होते हैं तो ‘‘हमारा पूरा अभियान विफल हो जाएगा।‘‘
किसानों से बनी नहीं बात: केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान आंदोलन पर बात करते हुए आज कहा कि दो बार की किसानों से बातचीत बेनतीजा नहीं रही है। समाधान के लिए और चर्चा जरूरी है। एनडीटीवी से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत से समाधान मुमकिन है। रास्ता निकालने को तैयार हैं। किसान ध्यान रखें कि कुछ तत्व इसका लाभ लेने की कोशिश न करें।
सरकार सुन नहीं रही है
सोमवार देर रात को केंद्र सरकार के साथ पांच घंटे से अधिक समय तक चली दूसरे चरण की बैठक के बाद किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा था, ‘हमें नहीं लगता कि सरकार हमारी किसी भी मांग पर गंभीर है। हमें नहीं लगता कि वे हमारी मांगों को पूरा करना चाहते हैं... हम कल सुबह 10 बजे दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।‘
किसानों की मांगें
आंदोलनकारी किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि कर्ज माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को बहाल करने और 2021 में हुए आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे हैं।