नई दिल्ली: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। सूरजमुखी के बीज के लिए एमएसपी की मांग को लेकर सोमवार (12 जून) को कुरुक्षेत्र में महापंचायत करने के बाद किसानों ने चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। इस दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने हाइवे जाम नहीं किया है, हम तो केवल यहां पर बैठे हैं। नेशनल हाइवे जाम करना ठीक नहीं है।
टिकैत के कहा कि हमारी केवल दो मांगें हैं, हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करें और एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदना शुरू करें। हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं। हम अपनी मांगे माने जाने तक हाईवे को बंद रखेंगे। अतः सभी प्रदेशों की इकाई अग्रिम सूचना तक कुरुक्षेत्र पर नजर बनाए रखें और अगले आदेश का इंतजार करें। सरकार की यह दमनकारी नीति देश का अन्नदाता बर्दाश्त नहीं करेगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के प्रदर्शन पर कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए इन मुद्दों (पहलवानों के धरने का मुद्दे) को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, केंद्र लगातार एक समाधान खोजने की कोशिश कर रहा है। बंद करने से पहले बातचीत का रास्ता खुला है। अपनी मांग को लेकर किसान कुरुक्षेत्र में महापंचायत आयोजित करने के लिए एकत्रित हुए थे। किसानों ने महापंचायत खत्म होने के बाद दिल्ली मुल्तान रोड को जाम कर दिया। सड़क के दोनों तरफ ट्रैक्टर लगाकर किसान यहीं बैठ गए हैं।
पहले भी चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे किया था जाम
इससे पहले बीते मंगलवार को भी किसानों ने कुरुक्षेत्र में चंडीगढ़.दिल्ली नेशनल हाइवे को जाम कर दिया था। इस दौरान किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया था। किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया था।
कई किसान किए गए गिरफ्तार
पुलिस ने इस प्रदर्शन के बाद भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई किसानों को गिरफ्तार किया था। जिन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। प्रदर्शन कर रहे इन किसानों का कहना है कि सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी बीज की खरीद नहीं कर रही है। इस वजह से किसानों को अपनी उपज निजी खरीदारों को 6,400 रुपये एमएसपी के मुकाबले लगभग 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बेचना पड़ रहा है।
किसानों ने कहा कि जब तक एमएसपी पर सूरजमुखी नहीं बिकती तब तक हम लोग ऐसे ही हाइवे जाम करके बैठेंगे। गुरनाम चढूनी के साथ कई किसानों को गिरफ्तार किया है, वे जब तक रिहा नहीं होते तब तक हम यहीं बैठे रहेंगे। हमें 13 महीने का अभ्यास है, हम अपनी मांगों को लेकर ऐसे ही यहां बैठे रहेंगे। हमारी पूरी तैयारी है, गुरुद्वारे से हमारा लंगर साथ चलता है। हमारा खाने पीने का पूरा इंतजाम है।