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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली में आंदोलन कर रहे पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत के आयोजन में किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि नौ जून तक कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार किया जाए या फिर दिल्ली में तेज विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहें। खाप पंचायत में कहा गया है कि नौ जून के बाद जंतर-मंतर पर धरना दिया जाएगा।

कुश्ती फेडरेशन के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लड़ाई में भारत के टॉप एथलीटों का समर्थन कर रहे किसान नेताओं ने केंद्र को एक नया अल्टीमेटम दिया है कि उन्हें गिरफ्तार करें या बड़े विरोध का सामना करें।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हमने निर्णय लिया है कि सरकार को पहलवानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए और उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह) गिरफ्तार किया जाना चाहिए। अन्यथा, हम पहलवानों के साथ 9 जून को दिल्ली के जंतर-मंतर जाएंगे और पूरे देश में पंचायत करेंगे।"

बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर एफआईआर में यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के गंभीर आरोप लगे हैं।

पहलवानों का आरोप है कि उन्होंने एथलीटों का यौन उत्पीड़न करने के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायत का आयोजन किया गया। इस पंचायत में लिए गए फैसले के मुताबिक सरकार को 9 जून तक अल्टीमेटम दिया गया है। सरकार से कहा गया है कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी करें, वर्ना महिला पहलवानों, खिलाड़ियों के साथ जंतर-मंतर पर बड़ा धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

खाप पंचायत में यह भी मांग की गई है कि खिलाड़ियों के संसद मार्च के प्रयास के बाद उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द की जाए।

आंदोलनकारी पहलवान भाजपा सांसद की गिरफ्तारी से कम पर राजी नहीं हैं। हालांकि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। अनुराग ठाकुर ने कल टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकानॉमिक कॉन्क्लेव में कहा, "सरकार निष्पक्ष जांच की पक्षधर है... हम सभी चाहते हैं कि न्याय मिले, लेकिन यह उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद होगा।"

बृजभूषण सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं

पहलवानों के आंदोलन के बाद से लगातार दिल्ली से लेकर अयोध्या तक कड़े तेवर दिखा रहे बृजभूषण सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली पुलिस ने 7 महिला पहलवानों की शिकायत पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ करने जैसे मामलों में गंभीर धाराओं के तहत दो एफआईआर दर्ज की थीं।

दो एफआईआर में कुछ चौंकाने वाले तथ्य

दोनों एफआईआर से कुछ चौंका देने वाले तथ्य मिले हैं। पहली एफआईआर 6 वयस्क महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज की गई है। दूसरी एफआईआर एक नाबालिग पहलवान के पिता की शिकायत पर दर्ज की गई है। महिलाओं ने शिकायत में बृजभूषण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

बृजभूषण सिंह पर आरोप हैं कि उन्होंने "अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में पहली बार यौन शोषण किया, तस्वीर लेने के बहाने गलत तरीके से छुआ, उन्होंने जांघ और छाती पर हाथ रखा, यौन संबंध बनाने का दबाव बनाया, कुश्ती संघ के दफ़्तर में भी हुआ यौन उत्पीड़न, टी शर्ट उतारी, स्वांस जांचने के बहाने गलत जगह छुआ, परिवार को फोन करवाने के बहाने, बढ़िया न्यूट्रीशन देने के बहाने गलत तरीके से छुआ, जांच कमेटी के सामने बयान दर्ज कराते वक्त कैमरा बंद किया।"

बृजभूषण सिंह ने इन आरोपों पर फिर दोहराया है कि ये आरोप झूठे हैं और अगर साबित हुए तो वे खुद फांसी पर लटक जाएंगे।

महिला पहलवानों को अब खापों और संयुक्त किसान मोर्चे का भी साथ मिल गया है। कुरुक्षेत्र में हुई खाप पंचायत के बाद सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि 9 जून तक बृजभूषण की गिरफ़्तारी हो वर्ना पहलवानों के साथ किसान और खाप नेता दिल्ली के जंतर-मंतर कूच करेंगे।

इस बीच पहलवान चुप्पी साधे हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार पहलवानों द्वारा सरकार को दिया गया अल्टीमेटम शनिवार को ख़त्म हो रहा है। पहलवान भी शनिवार को कुछ बड़ा एलान कर सकते हैं।

सरकार और बीजेपी दोनों ही काफी एक्टिव हैं। बृजभूषण 5 जून को अयोध्या में एक रैली के जरिए शक्ति प्रदर्शन करने वाले थे, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। बृजभूषण को कुछ दिन चुप रहने की हिदायत दी गई है। वहीं दूसरी तरफ़ खाप पंचायत और किसानों ने भी सरकार को सात दिन का वक्त और दे दिया है।

 

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