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फरीदाबाद: हरियाणा के बल्लभगढ़ में हुए निकिता तोमर हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को फरीदाबाद कोर्ट में 700 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इसमें एसआईटी ने हत्याकांड को सोची समझी और पूर्व नियोजित साजिश कहा है। एसआईटी ने कहा है कि इस वारदात की साजिश पिछले दो साल से रची जा रही थी। मात्र 11 दिन में एसआईटी द्वारा तैयार चार्जशीट में 60 गवाह हैं। चार्जशीट को डिजिटल, फोरेंसिक एवं मटेरियल एविडेंस के आधार पर अनुभवी अनुसंधान अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है।

26 अक्तूबर को हुई थी हत्या

गौरतलब है कि 26 अक्तूबर को परीक्षा देकर अपनी सहेली के साथ घर लौट रही छात्रा निकिता की बल्लभगढ़ में अग्रवाल कॉलेज के गेट के बाहर दिनदहाड़े मुख्य आरोपी तौसीफ ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात को अंजाम देने में उसका साथी रेहान भी शामिल था। दोनों आरोपी वारदात को अंजाम देकर कार से फरार हो गए थे।

 

घटना की सूचना मिलने पर थाना बल्लभगढ़ में हत्या व आर्म्स एक्ट की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह के संज्ञान में आने पर उन्होंने एसीपी क्राइम अनिल यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की 10 टीमें आरोपियों की धरपकड़ में लगाई।

पांच घंटे में पकड़ा गया था मुख्य आरोपी

वारदात के 5 घंटे में क्राइम ब्रांच ने गोली मारने वाले मुख्य आरोपी तौसीफ को नूंह से गिरफ्तार किया था। दूसरे आरोपी रेहान को भी बाद में नूंह से गिरफ्तार किया गया। हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए देसी कट्टा उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरू को भी नूंह से गिरफ्तार किया गया व वारदात में इस्तेमाल कार को भी बरामद किया गया।

निकिता के परिजन व गवाह को सुरक्षा

पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि पुलिस आयुक्त के द्वारा नितिका के भाई और मामा को आर्म्स लाइसेंस दिया गया इसके साथ ही परिवार के प्रत्येक सदस्य को गनमैन दिया गया है। इस केस की चश्मदीद गवाह के पिता को भी गन का लाइसेंस दिया गया है। ताकि वो सभी निर्भय होकर अपने केस की पैरवी कर सकें।

 

 

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