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चंडीगढ़: हरियाणा में पांच जून से फिर होने वाली जाट आंदोलन को देखते हुए राज्य में पहले ही सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिये गए है। सामान्य ड्यूटी के लिये तीन कंपनी तैनात की गई हैं। यहां एक कंपनी में करीब 120 जवान होते हैं। हालात ज्यादा बिगड़ने की स्थिति में रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां हालात संभालेंगी। इसी के साथ बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट दो दिन पहले जाट आरक्षण से जुड़े आदेश पर रोक लगा चुका है। इसके बावजूद जाट समुदाय अपने लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू है। ये जवान दंगा फसाद जैसे उपद्रव से निपटने के लिये खास तौर से प्रशिक्षित होते हैं। इन जवानों के पास नॉन लेथल वेपन होते हैं यानी रबर बुलेट, शॉकिंग स्टिक, वॉटर कैनन जैसे हथियार जिससे भीड़ पर काबू पाया जा सके। सीआरपीएफ की एक कंपनी में करीब 250 जवान होते हैं। सीआरपीएफ के ही एक कंपनी मुनक नहर के पास, एक कंपनी सोनीपत में और दो कंपनी रोहतक में तैनात की गई हैं। इसके अलावा राज्य सरकार के पास अलग से सीआरपीएफ के जवान होते हैं जिसे वे अपनी जरुरत के मुताबिक तैनात कर सकते हैं। सीआरपीएफ के एक अधिकारी के बताया कि ये तो फिलहाल ऐहतियात के तौर पर तैनाती की गई है। हालात बिगड़ने पर और भी जवान भेंजे जायेंगे। वही बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स की चार कम्पनियों को भी राज्य में तैनात किया गया हैं। एक कंपनी हिसार, एक कैथल, एक जींद और एक रोहतक में तैनात की गई हैं।

बीएसएफ की एक कंपनी में 75 के आसपास जवान होते हैं। सीआरपीएफ और बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि ये तो ऐहतियात के तौर पर तैनाती की गई हैं। हालात बिगड़ने पर और भी जवान भेजे जायेंगे। पिछले आंदोलन के दौरान गिरफ़्तार हुए लोगों को रिहा करने और उन पर से केस हटाने की मांग को लेकर भी आंदोलन तेज़ किया गया है। जाट समुदाय ने इस सिलसिले में हरियाणा सरकार को पांच जून तक का अल्टीमेट दिया। हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने कल बताया था कि विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जिंद और फतेहाबाद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया जा रहा है। सोनीपत के जिलाधिकारी के मकरंद पांडुरंग ने रविवार को तनाव, संघर्ष, मानव जीवन को खतरा, संपत्ति को नुकसान और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने से रोकने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जिले में निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश जारी किया। फिर से आंदोलन की स्थिति में हिंसा की आशंका को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। यह 28 मई से 27 जुलाई तक प्रभावी रहेगा। दूसरी ओर एबीजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कल कहा था, "हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना वादा पूरा नहीं किया है, इसलिए हम पांच जून से हरियाणा में जाट न्याय रैली का आयोजन करेंगे।" हालांकि उन्होंने आन्दोलन के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया। सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर गत फरवरी महीने में जाटों ने आन्दोलन किया था। आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोगों की मौत हुई थी और 320 लोग घायल हुए थे। इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति नष्ट हुई थी। रैली के आयोजन का ताजा निर्णय एबीजेएएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किया गया था। बैठक में आन्दोलन की नई पारी की तैयारी के बारे में भी चर्चा हुई थी।

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