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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पांच समुदायों को आरक्षण को स्थगित करने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के ‘एक पक्षीय फैसले’ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए उनकी सरकार 21 जुलाई तक इंतजार नहीं करेगी और स्थगन हटवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, खट्टर ने कहा, ‘भाजपा सरकार जितनी जल्दी संभव हो उच्च न्यायालय में अपनी पक्ष रखेगी और स्थगन हटवाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।’ ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ तथा ‘सबका साथ-सबका विकास’ के विचार का पालन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समाज के सभी तबकों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है। खट्टर ने कहा, ‘प्रदेश सरकार ने छह जातियों. जाट, जाट सिख, मुला जाट, बिश्नोई, रोड और त्यागी को संविधान के दायरे में रहते हुए आरक्षण दिया है। इस संबंध में विधानसभा में विधेयक पारित किया गया।’ हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर खट्टर सरकार को तगडा झटका लगा है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को हरियाणा में जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

राज्य में जाटों एवं कुछ अन्य जातियों को आरक्षण के लिए खट्टर सरकार द्वारा किए गए प्रावधान के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण के बाबत हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।

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