नई दिल्ली: किसानों से संबंधित बिल लोकसभा के अलावा राज्यसभा से भी रविवार को पारित हो गए। इस बिल को लेकर उच्च सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने बिल का विरोध किया, लेकिन सरकार ने ध्वनि मत के जरिए राज्यसभा में बिलों को पारित करवा लिया। दोनों बिलों के पारित होने के बाद हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई खतरा मंडराया तो वे अपना पद छोड़ देंगे।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा, 'संसद द्वारा पारित किसानों को लेकर बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है। अगर एमएसपी सिस्टम पर कोई भी खतरा मंडराया तो मैं उसी दिन अपना पद छोड़ दूंगा।' हरियाणा-पंजाब जैसे राज्यों में किसानों से जुड़े बिलों के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। हरियाणा के जींद जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू), आढ़ती व अन्य संगठनों ने रविवार को 15 स्थानों पर नेशनल हाईवे और राज्य मार्ग को बाधित किया।
प्रदर्शन के चलते जींद-रोहतक, जींद-पटियाला, जींद-कैथल, जींद-करनाल, जींद-सफीदों, असंध-पानीपत, जींद-हिसार मार्ग तीन घंटे तक बाधित रहे। अध्यादेशों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसकी वजह से वाहन चालकों और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद बढ़ा चौटाला पर दबाव
शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) सांसद और मोदी सरकार में पूर्व मंत्री हरसिमरत कौर के पिछले दिनों कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए इस्तीफा दिए जाने के बाद दुष्यंत चौटाला पर भी दबाव बढ़ गया। किसानों समेत राजनीति से जुड़े कई लोगों ने राज्य के डिप्टी सीएम चौटाला से मनोहर लाल खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने का दबाव बनाया। इस बीच, चौटाला ने पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर से मुलाकात भी की थी।