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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुड़गांव के एक निजी स्कूल में सात साल के बच्चे की हत्या के आरोपी लड़के की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति रोहिंग्टन एफ नरिमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज की। पीठ ने आदेश में कहा, 'हमने शिकायतकर्ता के वकील सहित सभी पक्षों के वकीलों को विस्तार से सुना। चूंकि याचिकाकर्ता की सिर्फ एक वयस्क के रूप में जमानत के मकसद से सुनवाई हो रही है, इसलिए हमें इस समय उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप की वजह नजर नहीं आती। तदनुसार, याचिका खारिज की जाती है।'

सीबीआई ने जमानत याचिका का यह कहते हुये विरोध किया कि आरोपी के साथ किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जानी चाहिए। सीबीआई ने कहा कि न्याय की प्रक्रिया से बचने के लिए किशोर न्याय कानून का सहारा नहीं लिया जा सकता। उच्च न्यायालय ने जून महीने में लड़के की जमानत याचिका खरिज कर दी थी।

 

आरोपी की ओर से दलील दी गई कि उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी गलत की है कि इस मामले में साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की संभावना है। इस बच्चे का शव गुड़गांव के भोंडसी स्थित निजी स्कूल के वॉशरूम में मिला था। इससे पहले, न्यायालय ने आरोपी 16 वर्षीय किशोर के नाम का इस्तेमाल करने से मीडिया को रोक दिया था।

इस मामले में सीबीआई के आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि इस लड़के ने परीक्षाएं स्थगित कराने और अभिभावक-शिक्षक की प्रस्तावित बैठक (पेरेंट्स टीचर मीटिंग) रद्द कराने के मकसद से आठ सितंबर, 2017 को स्कूल के वाशरूम में छात्र की गला रेत कर हत्या कर दी थी।

 

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