ताज़ा खबरें
गुकेश ने रच दिया इतिहास, बने सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन
संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में 13-14 दिसंबर को होगी चर्चा
पूजा स्थल केसः सुप्रीम कोर्ट का आदेश- अदालतें कोई फैसला नहीं देंगी
किरेन रिजिजू के खिलाफ इंडिया गुट का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल को केद्र सरकार की कैबिनेट ने दी मंजूरी
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने 'महिला सम्मान योजना' को दी मंजूरी
अडानी मुद्दे पर इंडिया गठबंधन सांसदों के संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन
हाथरस में राहुल गांधी से पीड़ित परिवार ने कहा- न घर मिला न नौकरी

चंडीगढ़: हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में अफसरों की भूमिका की जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह कमेटी ने शुक्रवार को राज्‍य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जानकारी के अनुसार, यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की अगुवाई वाली कमेटी ने आज सीएम के प्रधान सचिव आरके खुल्लर और गृह सचिव पीके दास से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में कमेटी ने कई पुलिस अफसरों पर काम में कोताही बरतने का जिक्र किया है। इनमें से अधिकतर रोहतक जिले के हैं। संभावना है कि कई अफसरों पर गाज गिर सकती है। करीब 71 दिन में तैयार हुई इस जांच रिपोर्ट में पुलिस महकमे के प्रशासनिक अधिकारियों की दंगों में भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। साथ ही हरियाणा पुलिस को किसी भी चुनौती का सामना करने में नाकाबिल करार दिया गया है। रिपोर्ट में प्रकाश सिंह ने पुलिस सुधार के उपाय तुरंत प्रभाव से करने की सलाह सरकार को दी है। हरियाणा में जाट आंदोलन के लिए प्रकाश सिंह समिति ने संभवत: कुछ अधिकारियों की तरफ से ‘लापरवाही’ और दूसरों की ओर से हालात पर नियंत्रण के लिए ‘ठोस प्रयासों’ का उल्लेख किया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने रिपोर्ट मिलने के बाद कहा कि वह इसे पढ़कर जल्द से जल्द मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।

जानकारी के अनुसार, कमेटी की रिपोर्ट में जिक्र है कि हरियाणा में जो घटनाएं हुईं, उन्हे देखकर हमेशा दुख होगा, कभी गर्व नहीं होगा। इसमें आठ जिलों को चिन्हित किया गया था जो ज्यादा प्रभावित हुए थे। टीम रोहतक, झज्जर, जिंद, हिसार, कैथल, भिवानी, सोनीपत और पानीपत जिलों में गई। प्रमुख घटनास्थलों पर जाकर पीड़ितों से बात की गई। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रभावित जिलों रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार, कैथल और भिवानी में मानवाधिकार के हनन से संबंधित सभी घटनाओं और उसके तथ्यों और परिस्थितियों की जांच की गई है। जिलों में हुए दंगों की विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। गौर हो कि फरवरी में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान नागरिक प्रशासन और पुलिस प्रशासन की तरफ से लापरवाही की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था। जाट आरक्षण आंदोलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कों को अवरूद्ध कर दिया गया था और सोनीपत, रोहतक और झज्जर सहित हरियाणा के कई जिलों में हिंसा हुयी और सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा। माना जा रहा कि सिंह को राज्य में कानून एवं व्यवस्था के मौजूदा ढांचे, प्रक्रियाएं और क्रियान्वयन के तंत्र के बारे में पूरा अध्ययन कर भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हो इसमें सुधार के लिए आवश्यक सुझाव देना था।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख