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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (21 दिसंबर) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर बात की। ये बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब इंडिया गठबंधन में शामिल नीतीश कुमार की नाराजगी को लेकर दावे किए जा रहे थे। सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी और नीतीश कुमार के बीच इंडिया गठबंधन की बैठक में हुए फैसलों को अमल में लाने पर बात हुई। सूत्रों ने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार की अहम भूमिका होगी। सीट शेयरिंग और साझा कार्यक्रम पर जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

दरअसल, नई दिल्ली के अशोका होटल में विपक्षी गठबंधन इंडिया की चौथी मीटिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ ममता बनर्जी ने पीएम फेस के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा था। बनर्जी के प्रस्ताव का समर्थन दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी किया था। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही थी कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार इससे नाराज चल रहे हैं। हालांकि उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वो पीएम की रेस में नहीं हैं।

नई दिल्ली: संसद से विपक्षी सांसदों का निलंबन का सिलसिला आज भी जारी रहा। संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन गुरुवार (21 दिसंबर) को लोकसभा में विपक्ष के 3 और सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। हंगामा करने के कारण इन सांसदों पर स्पीकर ओम बिरला ने कार्यवाही की है। कांग्रेस सांसद डी के सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज को सस्पेंड किया गया है।

शीतकालीन सत्र में 146 सांसदों को किया गया निलंबित

इन तीन सांसदों मिलाकर संसद से कुल 146 सांसद अब तक सस्पेंड किए जा चुके हैं। सांसदों के निलंबन का सिलसिला 14 दिसंबर को शुरू हुआ था, जब विपक्षी सांसद संसद पर आतंकी हमले की बरसी वाले दिन यानि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग उठाई। इस दिन लोकसभा से 13 और राज्यसभा से एक सांसद को सस्पेंड किया गया। सोमवार यानि 18 दिसंबर को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार (21 दिसंबर) को राज्यसभा ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह तीन आपराधिक विधेयक- भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023 पारित कर दिए।

राज्यसभा ने चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के बाद तीनों विधेयकों को ध्वनमित से अपनी स्वीकृति दी। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है। बता दें कि ये विधेयक राज्यसभा में ऐसे समय पारित हुए हैं, जब उच्च सदन से 46 विपक्षी सांसदों को उनके अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित किया जा चुका था।

अमित शाह ने कहा तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयकों के संसद से पारित होने के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एक नई शुरुआत होगी जो पूर्णतया भारतीय होगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद में हुई सुरक्षा चूक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है. संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंप दी गई है। अब तक दिल्ली पुलिस के जवान संसद की सुरक्षा संभाल रहे थे। गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि संसद भवन परिसर की व्यापक सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ संभालेगी। संसद की सुरक्षा चूक को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर भी है।

बात दें कि संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब सीआईएसएफ को देने का फैसला जांच कमेटी की सिफारिश के बाद लिया गया है। सीआईएसएफ सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने से पहले संसद भवन परिसर का सर्वे भी करेगी। गृहमंत्रालय ने सीआईएसएफ से संसद भवन परिसर का सर्वे करने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। उनसे पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने कई चौकाने वाले खुलासे हुए थे। पुलिस के अनुसार सुरक्षा में सेंध का मास्टरमाइंड ललित झा था।

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