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नई दिल्ली: कोरोना महामारी से अभी देश पूरी तरह से उबर भी नहीं पाया था कि अब इसके नए सब वेरियंट जेएन-1 ने दस्तक दे दी। कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से देश के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। कोरोना के नए वेरियंट जेएन-1 के कुल 21 मामले सामने आ चुके हैं और धीरे-धीरे ये बढ़ते ही जा रहे हैं। इस वजह से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम बना दिए गए हैं।

कोरोना के नए वेरिएंट को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन ने एक बार फिर से मास्क लगाने हिदायत दी और लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाके में मास्क पहनने की सलाह दी है। साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की हिदायत भी दी है।

कर्नाटक में दो और लोगों की मौत

कर्नाटक में कोविड-19 के 20 नए मामले सामने आए है और इस महामारी के कारण दो और लोगों की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार (20 दिसंबर) को एक बुलेटिन जारी कर यह जानकारी दी।

बुलेटिन के मुताबिक, बेंगलुरु में 16 दिसंबर को 44 साल के एक मरीज की मौत हुई, जबकि 17 दिसंबर को 76 साल एक मरीज ने दम तोड़ दिया। उनमें से एक मरीज में बीमारी के लक्षण नहीं थे, जबकि दूसरे मरीज को सांस लेने में समस्या थी।

दिल्ली वायरस से निपटने को तैयार

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस का नया उप-स्वरूप जेएन-1 संक्रामक है, लेकिन इसके लक्षण हल्के हैं और राष्ट्रीय राजधानी सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार जीनोम अनुक्रमण की निगरानी बढ़ाएगी।

राजस्थान में क्या है तैयारी?

देश में कई जगह कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने के बाद राज्य में चिकित्सा विभाग को सतर्कता बरतने और एहतियातन आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जैसलमेर में कोरोना वायरस संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें उन्होंने कोरोना प्रबंधन के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी गठित करते हुए ‘ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम’ (मामलों की संख्या के अनुसार चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता) तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आवश्यकता होने पर रोगियों को तत्काल आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के ‘जेएन-1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है। डब्यूएचओ ने साथ ही कहा कि इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है। विश्व स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि 2020 के आखिरी में वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करने वाले स्वरूपों के सामने आने से बाद से डब्ल्यूएचओ ने हल्के स्वरूप को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ और गंभीर स्वरूप को ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में वर्गीकृत करना शुरू किया है।

देश में कोरोना के कितने मामले?

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 21 मई के बाद सबसे अधिक 614 मामले दर्ज किए गए जिससे उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 2,311 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, केरल में बीते 24 घंटों में तीन मरीजों की मौत से मृतकों की संख्या बढ़कर 5,33,321 हो गयी है, जबकि देश में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या 4.50 करोड़ (4,50,05,978) है।

केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स में क्या?

स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने बताया क‍ि केरल, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में दैनिक पोज‍िट‍िवि‍टी रेट में वृद्धि देखी गई है। आने वाले त्योहारों और शादी के मौसम को देखते हुए राज्यों को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं करने की सलाह दी गई।

राज्यों से कोविड-19 के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शेयर किए गए संशोधित निगरानी रणनीति के विस्तृत परिचालन दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है। देश के सभी जिलों में कोरोना के टेस्ट दिशानिर्देशों के मुताबिक करने की सलाह दी गई। साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

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