नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद का हंगामेदार शीतकालीन सत्र अब अपने अंतिम दौर में है। शीतकालीन सत्र के दौरान संसद हमले की बरसी वाले दिन यानि 13 दिसंबर को हुई संसद की सुरक्षा में चूक ने इस तरह का बखेड़ा खड़ा किया है कि अब तक 143 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। इसके विरोध में आज इंडिया गठबंधन सांसदों ने संसद परिसर में पैदल मार्च किया।
सांसदों के निलंबन पर इंडिया गठबंधन का पैदल मार्च
इंडिया गठबंधन के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा से विपक्षी सांसदों के निलंबन पर संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला है। इस मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि संसद में सदन के जो मुखिया हैं, वे भी नहीं चाहते कि सदन चले। मैं माफी चाहता हूं कि राज्यसभा चेयरमैन साहब ने जो मुद्दा उठाकर इसे जातिवाद पर ले आए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज हम जो ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वह सरकार के खिलाफ आंदोलन है। सरकार ये नहीं चाहती कि ये आंदोलन हो। संसद में सदन के जो मुखिया हैं, वे भी नहीं चाहते कि सदन चले। मैं माफी चाहता हूं कि राज्यसभा चेयरमैन साहब ने जो मुद्दा उठाकर इसे जातिवाद पर ले आए हैं। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। लोगों की भावनाओं को संसद में बताना हमारा कर्तव्य है। लेकिन यहां पर जो घटना लोकसभा में घटी। उसी मुद्दे को हम लोकसभा और राज्यसभा में उठाना चाहते थे कि सुरक्षा में सेंध कैसे लगी? कौन इसका जिम्मेदार है? इसके बारे में आप देश को बताइए। अगर आप सदन में ही नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे? लेकिन शाह साहब नहीं आए और प्रधानमंत्री मोदी भी नहीं आए। तो सदन में बताने वाली चीजें छोड़कर पीएम वाराणसी, अहमदाबाद और रेडियो-टीवी पर बात करते हैं, लेकिन सदन में बात नहीं करते हैं। ये उन्होंने सदन की अमर्यादा की है। ये संसद का अपमान है।
संसद सुरक्षा चूक पर बयान दें पीएम मोदी: खड़गे
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सदन में आकर बयान देना चाहिए। खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी ने अन्य जगहों पर जाकर बात की है, मगर वह लोकसभा और राज्यसभा में नहीं आए। यह संसद का अपमान है।
संसद में जो हुआ, वो ऐतिहासिक: शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि हम हमेशा संस्थाओं का सम्मान करते हैं। संसद में जो हुआ वह देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। 150 सांसदों को सदन से बाहर करने का ऐतिहासिक काम किया गया है। जिनकी सिर्फ एक ही मांग थी कि सरकार की ओर से बयान दिया जाए कि जो लोग सदन के सदस्य नहीं थे वो सदन में कैसे आए... उन्हें पास किसने जारी किया? यह संसद का अधिकार है।
ओवैसी ने चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति वाले बिल का विरोध किया
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर लाए गए 'नियुक्ति, सेवा की शर्तें और टर्म ऑफ ऑफिस, बिल 2023' को पक्षपातपूर्ण बताया है। उनका कहना है कि सरकार इसके जरिए चुनाव आयोग को खत्म करना चाहती है। ओवैसी ने कहा कि ये बिल मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले को पलटता है।
इस बीच उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री का मुद्दा भी गरमाया हुआ है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में धनखड़ की नकल उतारी थी, जिसे लेकर उनकी आलोचना हो रही है।
बुधवार को संसद से 2 और सदस्यों को निलंबित किया गया। इस तरह शीतकालीन सत्र में निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या 143 हो गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के जरिए पेश किए गए प्रस्ताव को सदन द्वारा ध्वनिमत से स्वीकार किए जाने के बाद केरल कांग्रेस (मणि) के थॉमस चाजिकादान और सीपीआई (एम) के एएम आरिफ को कदाचार के लिए निलंबित कर दिया गया। ऐसा लग रहा है कि हर दिन निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
संसद की सुरक्षा चूक को लेकर चल रहे सियासी संग्राम के बीच निलंबित सांसदों का रिकॉर्ड बनता जा रहा है। लोकसभा की वर्तमान स्थिति कुछ यूं है, एनडीए के सांसदों की संख्या 321 है, जबकि विपक्ष के सांसदों की संख्या 201 है, जिसमें से 97 सांसद निलंबित हो चुके हैं। राज्यसभा की वर्तमान स्थिति के मुताबिक, कुल सांसदों की संख्या 238 है, जिसमें से 113 एनडीए गठबंधन के सांसद हैं, जबकि विपक्ष के 125 सांसद हैं. इसमें से 46 सांसद निलंबित हो चुके हैं।
वहीं, बुधवार को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को पास किया गया। इनके जरिए औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता और सीआरपीसी को बदल दिया जाएगा। लोकसभा से दूरसंचार विधेयक भी पारित हो गया। गुरुवार को भी कुछ अहम विधेयकों को पास किया जाना है। संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलने वाला है। इसकी शुरुआत 4 दिसंबर से हुई।