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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश के गृह मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सैम के बयान से कांग्रेस की असली मानसिकता सामने आ गई है। अमित शाह ने कहा, "सैम पित्रोदा की टिप्पणी के बाद कांग्रेस पूरी तरह बेनकाब हो गई है। सबसे पहले उनके घोषणापत्र में 'सर्वेक्षण' का जिक्र, मनमोहन सिंह का पुराना बयान जो कांग्रेस की विरासत है, वह यह कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है और अब सैम पित्रोदा की अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी कि पैसे के बंटवारे पर विचार-विमर्श होना चाहिए। इससे कांग्रेस की मानसिकता का पता चलता है।

"कांग्रेस का मकसद देश के सामने आ गया": अमित शाह 

अमित शाह ने कहा कि अब जब पीएम मोदी ने यह मुद्दा उठाया, तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी इस बात पर बैकफुट पर आ गई है। वह कह रहे हैं उनका मकसद यह कभी नहीं था। देश के गृह मंत्री ने कहा कि आज सैम पित्रोदा के बयान से देश के सामने कांग्रेस का मकसद साफ हो गया है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर बना हुआ है। जहां कांग्रेस देश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के अमीरों के हित वाली पार्टी होने का आरोप लगाती रहती है। वहीं, भाजपा भी कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर निशाना साधती रहती है। इस बीच, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कुछ ऐसा बयान दे दिया है जिसने भारत की राजनीति में हलचल मचा दी है।

यूएस में लगता है विरासत टैक्स, भारत में भी होना चाहिए: पित्रोदा

सैम पित्रोदा ने कहा, 'अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प नियम है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। हालांकि पूरी नहीं, आधी ही। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।'

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोकसभा चुनाव दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनावी शोर बुधवार की शाम थम गया। इसके बाद कोई सार्वजनिक सभा नहीं होगी और प्रत्याशी और उनके स्टार प्रचारक अगले 48 घंटे तक घर-घर जाकर वोट मांग सकेंगे। दूसरे चरण में 12 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 88 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा।

अरूण गोविल-हेमा मालिनी, राहुल की प्रतिष्ठा दांव पर

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, अभिनेत्री हेमा मालिनी, रामायण सीरियल के राम अरुण गोविल समेत 1,206 प्रत्याशी मैदान में हैं।

पहले चरण के कम मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग ने अपने कर्मियों को लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने इस बार से एक नया प्रयोग भी किया है, उसने शहरी इलाकों की बहुमंजिली इमारतों में वहीं पर मतदान की व्यवस्था की है। मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक है। अगर समय खत्म होने के बाद भी लोग लाइन में रह जाते हैं तो उनका वोट भी डलवाया जाएगा।

नई दिल्ली: चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए डाले गए वोटों के साथ सभी वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों का मिलान करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट निर्देश जारी कर सकता है, हालांकि सभी पक्षों की दलीलों के साथ सुनवाई पूरी होने के बाद गुरुवार 18 अप्रैल को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और याचिकाकर्ताओं को ईवीएम के हर पहलू के बारे में आलोचनात्मक होने की जरूरत नहीं है।

‘वीवीपैट' स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। इसके जरिए मशीन से कागज की पर्ची निकलती है, जिसे मतदाता देख सकता है और इस पर्ची को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है तथा विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है।

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