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नई दिल्ली: अवैध सट्टेबाजी मामले में केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने देश में अवैध सट्टेबाजी पर नकेल कसते हुए 22 अवैध एप और वेबसाइट पर प्रतिबंध का फरमान जारी किया है। अश्विनी वैष्णव के मंत्रालय से जारी प्रतिबंध आदेश के मुताबिक अवैध सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल एप्लिकेशन (एप) और वेबसाइट को ब्लॉक किया जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक महादेव बुक और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी एप और वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए हैं। यह कार्रवाई अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ ईडी द्वारा की गई जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक पर छापे के बाद हुई है।

केंद्र सरकार के बयान के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया।

बयान के अनुसार, अवैध सट्टेबाजी एप पर प्रतिबंध के लिए भूपेश बघेल की सरकार ने केंद्र सरकार से कोई अनुरोध नहीं किया।

छत्तीसगढ़ सरकार ने एप बंद करने की अपील नहीं की

राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि पिछले 1.5 वर्षों से महादेव एप मामले की जांच कराई जा रही है। दरअसल, ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ जिसका संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह का अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका।

छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई के बाद गैरकानूनी संचालन का खुलासा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि महादेव एप से सट्टेबाजी के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बता दें कि ई़डी की छापेमारी के बाद महादेव एप के गैरकानूनी संचालन का खुलासा हुआ था।

अवैध सट्टेबाजी पर भारत में सरकार क्या कर रही है?

बता दें कि अवैध सट्टेबाजी के मामले में जिस महादेव एप की चर्चा हो रही है इसके मेन प्रमोटर छत्तीसगढ़ के सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हैं। महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लगभग एक साल से इस मामले की जांच ईडी कर रही है। अगस्त 2022 से ही महादेव एप मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि 5.39 करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार असीम दास ने पूछताछ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पैसा दिए जाने की बात कही है।

किस तरीके से काम करते हैं सटोरिए

ईडी ने अवैध सट्टेबाजी के तरीकों पर बताया कि पैसे जुटाने, यूजर आईडी बनाने, ग्राहकों को यूजर आईडी क्रेडेंशियल्स देने और पैसे बांटने जैसे कई काम ब्रांच मालिक करते हैं। इन ब्रांच मालिकों को पैनल कहा जाता है। ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल यूजर को अंधेरे में रखकर होता है। इसका मतलब यह कि यूजर को केवल शुरुआत में ही चंद पैसों का फायदा होता था। बाद में उनके पैसे वापस नहीं मिलता था। ईडी ने महादेव एप का उदाहरण देकर बताया कि फायदे का 80 फीसदी सट्टेबाजी के सूत्रधार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल खुद रखते थे। सामान्य तौर पर एक पैनल में मालिक और चार कर्मी होते थे। एक व्यक्ति एक से ज्यादा पैनल का मालिक हो सकता है।

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