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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुये कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को गंभीर क्षति पहुंचने के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसकी मांग पार्टी लंबे समय से कर रही थी।

मणिपुर में बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "आखिरकार वह हुआ जिसकी मांग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पिछले 20 महीनों से कर रही थी। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है।"

रमेश ने दावा किया कि राष्ट्रपति शासन तब लगाया गया है जब उच्चतम न्यायालय ने राज्य में 'संवैधानिक तंत्र के पूर्ण रूप से ठप हो जाने' की बात कही, जिसके चलते तीन मई 2023 से अब तक 300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 60,000 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का विस्थापन हो चुका है। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति शासन तब लगाया गया जब मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने को गंभीर रूप से क्षति पहुंचने दी गयी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के दोनों सदनों में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट पेश होते ही राज्यसभा और लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। जगदम्बिका पाल ने राज्यसभा के बद लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की।

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट को असंवैधानिक बताया

विपक्षी सांसदों का कहना है कि जेपीसी की रिपोर्ट से विपक्षी सांसदों द्वारा जारी की गई डिसेंट नोट को हटा दिया गया है, जोकि असंवैधानिक है। तिरुचि शिवा ने कहा कि जो सदस्य कमेटी में होते हैं, उनकी असहमति को लेकर डिसेंट नोट के साथ रिपोर्ट का नियम है इसमें इसका पालन नहीं किया गया।

सदन को गुमराह कर रहा विपक्ष: किरेन रिजिजू

विपक्षी सांसदों के आरोपों का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल में सारी चीजें हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल में सारी चीजें हैं. कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को गुमराह न करे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश की गई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट से विपक्षी सदस्यों के डिसेंट नोट को हटा दिया गया। इस बात को मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य विपक्षी सांसदों ने उठाया। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट से डिसेंट नोट हटाए गए: खड़गे

वक्फ संशोधन बिल पर राज्यसभा में पेश की गई जेपीसी रिपोर्ट पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जेपीसी के कई सदस्यों ने डिसेंट नोट दिया था, लेकिन उसे डिलीट कर दिया गया। यह अलोकतांत्रिक कार्य है। जेपीसी में बाहर के लोगों के बयानों को लिया गया, उन्हें सुना गया, लेकिन डिसेंट नोट को हटा दिया गया, क्या जेपीसी में जिन सदस्यों ने डिसेंट नोट दिया, उनमें से कोई भी पढ़ा लिखा नहीं है?

वक्फ संशोधन विधेयक -2024 पर जेपीसी की रिपोर्ट आज लोकसभा में भी पेश की गई।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद में बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा के पटल पर रखी गई। रिपोर्ट पेश होते ही राज्यसभ में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही 11:20 बजे तक स्थगित कर दी गई।

अध्यक्ष जगदंबिका पाल वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी।  रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने आसन के नज़दीक आकर नारेबाजी की।

आयकर विधेयक 2025 किया जाएगा पेश

इसके अलावा, संसद में आज आयकर विधेयक 2025 भी पेश किया जाएगा। आयकर प्रावधानों को सरल ढंग से पेश करने के लिए यह विधेयक तैयार किया गया है। इस विधेयक में ‘आकलन वर्ष’ जैसी जटिल शब्दावली की जगह ‘कर वर्ष’ की संकल्पना रखी गई है।

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