नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के दोनों सदनों में आज वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट पेश होते ही राज्यसभा और लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। जगदम्बिका पाल ने राज्यसभा के बद लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की।
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट को असंवैधानिक बताया
विपक्षी सांसदों का कहना है कि जेपीसी की रिपोर्ट से विपक्षी सांसदों द्वारा जारी की गई डिसेंट नोट को हटा दिया गया है, जोकि असंवैधानिक है। तिरुचि शिवा ने कहा कि जो सदस्य कमेटी में होते हैं, उनकी असहमति को लेकर डिसेंट नोट के साथ रिपोर्ट का नियम है इसमें इसका पालन नहीं किया गया।
सदन को गुमराह कर रहा विपक्ष: किरेन रिजिजू
विपक्षी सांसदों के आरोपों का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल में सारी चीजें हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल में सारी चीजें हैं. कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को गुमराह न करे।
उन्होंने कहा, रिपोर्ट नियमों के मुताबिक ही तैयार की गई है। विपक्ष के सारे आरोप झूठ हैं।
वहीं, सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी सांसद तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। विपक्ष जेपीसी की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। बता दें कि मेधा कुलकर्णी ने इस रिपोर्ट को राज्यसभा में पेश किया।
सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया न्यू इनकम टैक्स बिल
इसके अलावा, लोकसभा में आज आयकर विधेयक 2025 (न्यू इनकम टैक्स बिल पेश) भी पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में रिपोर्ट पेश किया है। विपक्ष के हंगामे के बीच पेश होते ही इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। आयकर प्रावधानों को सरल ढंग से पेश करने के लिए यह विधेयक तैयार किया गया है। इस विधेयक में ‘आकलन वर्ष’ जैसी जटिल शब्दावली की जगह ‘कर वर्ष’ की संकल्पना रखी गई है।