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सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर सरकार को दिया सात दिन का वक्त

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम तय करने वाली समिति की बैठक अगले एक-दो दिनों के लिए स्थगित करनी चाहिए थी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट संबंधित कानून पर सुनवाई करने वाला है। पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह दावा भी किया कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखने का मतलब है कि यह सरकार इस संवैधानिक संस्था पर अपना नियंत्रण चाहती है।

सरकार को मामले के त्वरित निस्तारण आग्रह करना चाहिए था: सिंघवी

वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी के मुताबिक, मोदी सरकार को चयन समिति की बैठक करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करना चाहिए था कि मामले का त्वरित निस्तारण हो। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वर्तमान चयन समिति उच्चतम न्यायालय के दो मार्च, 2023 के उस आदेश का स्पष्ट और सीधा उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी वाली समिति होनी चाहिए।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सोमवार शाम दिल्ली में बैठक की। सूत्रों ने दावा किया है कि समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम की सिफारिश कर दी है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि अगले सीईसी के नाम की घोषणा करने वाली अधिसूचना ‘‘अगले कुछ घंटों में’’ जारी की जा सकती है। मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी समिति का हिस्सा हैं। मौजूदा सीईसी राजीव कुमार मंगलवार को पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

कोर्ट में सुनवाई के मद्देनज़र बैठक स्थगित की जानी चाहिए थी: कांग्रेस

वहीं, कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम तय करने वाली समिति की बैठक अगले एक-दो दिनों के लिए स्थगित करनी चाहिए थी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय संबंधित कानून पर सुनवाई करने वाला है। पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह दावा भी किया कि चयन समिति से सीजेआई को बाहर रखने का मतलब है कि सरकार इस संवैधानिक संस्था पर अपना नियंत्रण चाहती है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार (15 फरवरी) की रात 9.30 बजे के आसपास हुई भगदड़ की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

'हादसों के रोकथाम के लिए बने एक्सपर्ट कमेटी'

इस याचिका में ऐसे हादसों की रोकथाम के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन की मांग की गई है। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 14 महिलाएं शामिल थीं, जबकि कई लोग घायल हुए थे​।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी ने अदालत से आग्रह किया है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की 2014 की रिपोर्ट "कार्यक्रमों और सामूहिक सभा के स्थानों पर भीड़ प्रबंधन" को लागू किया जाए। रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा उपायों में सुधार किया जाए, जैसे: गलियारों को चौड़ा करना, बड़े ओवरब्रिज और प्लेटफॉर्म का निर्माण, रैंप और एस्केलेटर की सुविधा, अंतिम समय में प्लेटफॉर्म बदलने से बचना, स्टेशन की क्षमता से अधिक टिकट वितरण न करना।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की वैधता से संबंधित एक मामले में कई नई याचिकाएं दायर होने पर नाराजगी व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यह भी संकेत दिया कि वह दिन के दौरान लंबित अनुसूचित याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकती है, जिनकी सुनवाई पहले तीन न्यायाधीशों की पीठ कर चुकी है, क्योंकि यह दो न्यायाधीशों की पीठ बैठी है। सीजेआई ने कहा, 'याचिकाएं दायर करने की एक सीमा होती है। इतने सारे आईए (अंतरिम आवेदन) दायर किए गए हैं। हम शायद इस पर सुनवाई न कर पाएं।' उन्होंने कहा कि मार्च में तारीख दी जा सकती है।

सभी याचिकाएं 17 फरवरी को सुनवाई के लिए थींं सूचीबद्ध

सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर, 2024 के अपने आदेश के माध्यम से विभिन्न हिंदू पक्षों द्वारा दायर लगभग 18 मुकदमों में कार्यवाही को प्रभावी रूप से रोक दिया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने सभी याचिकाओं को 17 फरवरी को प्रभावी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।

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