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मुंबई: विवादों से घिरी फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से आज सेंसर प्रमाण पत्र मिल गया जिससे इस फिल्म निकाय एवं निर्माताओं के बीच कई दिनों से जारी टकराव का पटाक्षेप हो गया। इस फिल्म को एक स्टांप के साथ ‘ए’ प्रमाण पत्र दिया गया है। स्टांप में लिखा है कि इसे बंबई उच्च न्यायालय द्वारा पारित किया गया है। फिल्म के सेंसर प्रमाण पत्र को अभिनेता शाहिद कपूर द्वारा आनलाइन पोस्ट किया गया है। वहीं इस फिल्म की निर्माता बालाजी मोशन पिक्चर्स ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘ उड़ता पंजाब को अंतत: उड़ता प्रमाण पत्र मिल गया। आइये दो दिनों में उड़ान भरें।’

मुंबई: अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय के रिश्ते में अनबन का कोई वाकया अब तक सामने नहीं आया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हाल में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ ऐसा घटित हुआ जिससे लगा कि इनके रिश्ते में भी सबकुछ ठीक नहीं है। अब अभिषेक ने ऐश्‍वर्या के साथ संबंधों में कथित खटास को लेकर चुप्‍पी तोड़ी है। बता दें कि कुछ दिनों पहले मीडिया में ये रिपोर्ट सामने आई थी कि बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन के बीच इनदिनों शायद कुछ ठीक नही चल रहा है। कुछ दिनों पहले एक इवेंट के दौरान अभिषेक ने ऐश्वर्या के साथ फोटो खिंचवाने से मना कर दिया था और उन्हें अनदेखा करते हुए छोड़कर आगे निकल गए। जिसके बाद इनके निजी संबंधों में खटास को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी। अभिषेक ने इस मामले में एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, मैं जानता हूं कि सच क्‍या है और मीडिया को कितनी गंभीरता से लेना है, ये भी मुझे पता है। मैं किसी तीसरे पक्ष को यह बताने की अनुमति नहीं दे सकता कि मुझे और ऐश्‍वर्या को जीवन कैसे जीना चाहिए।

मुम्बई: अपनी फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के पक्ष में अदालत का फैसला आने से उत्साहित सह.निर्माता अनुराग कश्यप ने आज (मंगलवार) न केवल पहलाज निहलानी को हटाने बल्कि सेंट्रल बोर्ड आफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) में आमूल चूल परिवर्तन की मांग की। वहीं विवादों के केंद्र में आये सेंसर बोर्ड प्रमुख निहलानी ने जोर देकर कहा कि उन्होंने नियमांे के अनुरूप कार्य किया। बम्बई उच्च न्यायालय ने मादक पदार्थ विषय पर बनी फिल्म को कल एक कट एवं संशोधित डिस्क्लेमर के साथ हरी झंडी दे दी जबकि बोर्ड ने कई कट की बात कही थी। कश्यप ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें श्रीमान निहलानी से भारी समस्या है, लेकिन यदि वह जाएंगे तो कौन आएगा? क्या गारंटी है कि जो कोई आएगा तो वह सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और कानून की इस प्रकार से व्याख्या नहीं करेगा, या इससे खराब या अच्छा होगा। प्रणाली में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत है। सिर्फ निहलानी को हटाने की जरूरत नहीं है, जो हम चाहते हैं।’’ निहलानी ने भी मीडिया को संबोधित किया जिसमें वह कुछ नरम दिखे और उच्च न्यायालय के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। मैं निर्माताओं को उनकी जीत पर बधाई देता हूं। वे निश्चित तौर पर उस स्थान पर जाएंगे जहां उन्हें राहत मिल सके। यह उनका अधिकार है।’’

मुंबई: सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने आज (मंगलवार) बंबई हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया जिसमें फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में सीबीएफसी द्वारा सुझाए गए संपादन को दरकिनार कर दिया गया है। मादक द्रव्यों पर केंद्रित इस फिल्म की सेंसरशिप को लेकर विवादों के केन्द्र में रहे निहलानी ने कहा कि उन्होंने हमेशा से ही केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड :सीबीएफसी: के दिशानिर्देशों का पालन करने की कोशिश की है। निहलानी ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘ हम अदालत के निर्णय का स्वागत करते हैं। मैं फिल्म निर्माताओं की जीत पर उन्हें बधाई देता हूं। हम उनके साथ खड़े हैं। जाहिर तौर पर वे उस जगह पर जाएंगे जहां उन्हें राहत मिल सकती है। यह उनका अधिकार है।’’ सीबीएफसी चेयरमैन बुझे हुए दिखे। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले को हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। निहलानी ने कहा, ‘‘ यह किसी की जीत या हार नहीं है। चाहे वह सीबीएफसी हो, आयकर विभाग हो या कोई अन्य विभाग, लोग आदेश के खिलाफ एक उच्च प्राधिकरण में अपील कर सकते हैं। यह एक लोकतंत्र है और यदि लोगों के पास यह अधिकार नहीं होगा तो कुछ भी हो सकता है।’’

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