मुंबई: सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने आज (मंगलवार) बंबई हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया जिसमें फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में सीबीएफसी द्वारा सुझाए गए संपादन को दरकिनार कर दिया गया है। मादक द्रव्यों पर केंद्रित इस फिल्म की सेंसरशिप को लेकर विवादों के केन्द्र में रहे निहलानी ने कहा कि उन्होंने हमेशा से ही केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड :सीबीएफसी: के दिशानिर्देशों का पालन करने की कोशिश की है। निहलानी ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘ हम अदालत के निर्णय का स्वागत करते हैं। मैं फिल्म निर्माताओं की जीत पर उन्हें बधाई देता हूं। हम उनके साथ खड़े हैं। जाहिर तौर पर वे उस जगह पर जाएंगे जहां उन्हें राहत मिल सकती है। यह उनका अधिकार है।’’ सीबीएफसी चेयरमैन बुझे हुए दिखे। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले को हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। निहलानी ने कहा, ‘‘ यह किसी की जीत या हार नहीं है। चाहे वह सीबीएफसी हो, आयकर विभाग हो या कोई अन्य विभाग, लोग आदेश के खिलाफ एक उच्च प्राधिकरण में अपील कर सकते हैं। यह एक लोकतंत्र है और यदि लोगों के पास यह अधिकार नहीं होगा तो कुछ भी हो सकता है।’’
उन्होंने दोहराया कि उनके द्वारा किया गया निर्णय सिनेमाटोग्राफ कानून के दिशानिर्देशों के मुताबिक था।