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नई दिल्ली: लीग आधारित टूर्नामेंट से भारतीय खिलाड़ियों को व्यापक तौर पर हर खेल में फायदा मिल रहा है, लेकिन कबड्डी के साथ ऐसा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के आने से अन्य देशों ने भारत के पारंपरिक खेल पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। भारत हमेशा ही कबड्डी में निर्विवाद रूप से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शीर्ष पर रहा है, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को लगता है कि पीकेएल में मिलने वाले एक्सोपजर से ईरान, दक्षिण कोरिया, तुर्की जैसे देशों ने तेजी से इसे सीखना शुरू कर दिया है। पटना पाइरेट्स के कप्तान मनप्रीत सिंह ने पुणेरी पल्टन के खिलाफ तीसरे चरण के पीकेएल सेमीफाइनल के मौके पर कहा, 'ईरान, कोरिया के खिलाड़ी पीकेएल में हमारी टीमों का हिस्सा हैं, वे हमारे साथ अभ्यास करते हैं। हमें देखते हैं, हमें रणनीति बनाते हुए देखते हैं। इसके बाद वे इसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपने देशों के लिए खेलते हैं तो इसका इस्तेमाल करते हैं।

इसलिए साफ है कि प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है।' वहीं यू युम्बा के कप्तान अनूप कुमार ने कहा, 'इससे पहले हम प्रतिद्वंद्वियों से ज्यादा परेशानी के बिना आसानी से जीत जाते थे। लेकिन पिछले दो वषरें से चीजें बदल गयी हैं। अब हमें जीत के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।'

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