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नई दिल्ली: टीम इंडिया वर्ल्ड कप और एशिया कप के फाइनल से पहले अपने बेहतरीन फॉर्म में नज़र आ रही है। टीम के लिए सबसे बड़ा बोनस शायद मिडिल ऑर्डर में युवराज सिंह का फॉर्म में लौटना है। युवराज खुद भी अपनी पारी को लेकर बेहद खुश नज़र आ रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ लगाए गए युवी के बड़े छक्के टीम इंडिया के फैन्स और जानकारों का हौसला ऊंचा करते रहे। श्रीलंका के खिलाफ जीत में युवराज सिंह की पारी जितनी खास साबित हुई, वर्ल्ड टी-20 के लिहाज से जानकारों की नजरों में इनकी अहमियत उतनी ही ज़्यादा है। वापसी के बाद से ही फैन्स युवी के पुराने फॉर्म के इंतजार में रहे। पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भी युवी ने 32 गेंदों का सामना कर नाबाद 14 रन बना। युवी लगातार अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश में रहे और अब एकदम सही वक्त पर वह अपने करिश्माई फ़ॉर्म में लौटते नज़र आ रहे हैं। ज़ाहिर है कप्तान धोनी के लिए वह वर्ल्ड टी-20 में भी बेशकीमती हथियार साबित हो सकते हैं।

कप्तान एमएस धोनी कहते हैं, उन्हें जितना मौक़ा मिलेगा वह उतना ही अच्छा करेंगे। जब आप कमबैक कर रहे होते हैं आप पर वैसे ही दबाव होता है, लेकिन ऐसी पारियों से आपका हौसला बढ़ जाता है। वे जब चाहे छक्का लगा सकते हैं। ऐसे ही चलता रहा तो वह वर्ल्ड कप तक जरूर सेट हो जाएंगे। BCCI.tv को दिए गए इंटरव्यू में खुद युवराज भी मानते हैं कि श्रीलंका के खिलाफ उनकी पारी के बाद उनका हौसला बढ़ा है। युवी कहते हैं, ये वो दिन था जब मुझे लगा कि मैं लय में आ गया हूं। आप जब मैच में आते हैं तो आपके पास एक गेम प्लान होता है। कई बार ये काम कर जाता है कई बार नहीं करता। इस मैच में मैं सकारात्मक रहकर सीधे बल्ले से गेंद को हिट करते हुए टीम के लिए अच्छा करना चाहता था। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर कहते हैं, युवराज ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने उस मैच में ज़्यादा रन नहीं बनाए, लेकिन वह विकेट पर टिके उससे उनका हौसला बढ़ गया। उनका फॉर्म में लौटना टीम इंडिया के लिए अच्छी लेकिन विपक्षियों के लिए बुरी ख़बर है। वर्ल्ड कप जैसे बड़े स्टेज पर युवी की काबिलियत और निखर जाती है। 2007 और 2011 के वर्ल्ड कप में युवी के रोल को कौन भुला सकता है। 2011 वर्ल्ड कप में युवराज प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजे गए। 2011 वर्ल्ड कप में युवी ने 9 वनडे में 90.50 के औसत और 86.19 के स्ट्राइक रेट से एक शतक और चार अर्द्धशतकों के सहारे 362 रन बनाए। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में युवी ने 194.73 के स्ट्राइक रेट से 6 मैचों में 148 रन बनाए. इस दौरान उनका औसत रहा 29.6. इसमें उनकी 2 अर्द्धशतकीय पारियां भी शामिल रहीं।

2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह का प्रदर्शन

प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बने वनडे

मैच : 9

औसत : 90.50

स्ट्राइक रेट : 86.19

100/50 : 1/ 4

रन : 362

2007 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह का प्रदर्शन

टी-20 मैच 6

स्ट्राइक रेट 194.73

औसत 29.6 र

न 148 रन बनाए.

50 : 2

युवी ने दोनों ही वर्ल्ड कप में जरूरी वक्त पर गेंदबाजी करते हुए बतौर ऑलराउंडर एक अहम रोल अदा किया। टीम मैनेजमेंट को मालूम है कि युवी लय में रहे तो बाकी की टीम का काम जितना आसान होगा विपक्षियों का काम उतना ही मुश्किल है। फैन्स वैसे भी युवी को हमेशा सिर आंखों पर बिठा कर रखते हैं।

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