मीरपुर: रोहित शर्मा की संकट की घड़ी में खेली गयी बेजोड़ पारी और हार्दिक पांड्या के आलराउंड प्रदर्शन से भारत ने आज ( बुधवार) यहां मेजबान बांग्लादेश को 45 रन से हराकर एशिया कप टी-20 टूर्नामेंट में अपने अभियन का शानदार आगाज किया। भारत ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर पहले दस ओवर में तीन विकेट पर केवल 52 रन बनाये थे। रोहित की 55 गेंदों पर सात चौकों और तीन छक्कों की मदद से खेली गयी 83 रन की जबर्दस्त पारी तथा पांडया (18 गेंद पर 31 रन) की तेजतर्रार पारी से भारत ने आखिरी दस ओवरों में 114 रन जोड़े और इस तरह से वह छह विकेट पर 166 रन के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। बांग्लादेश ने भी पहले दस ओवरों में तीन विकेट पर 51 रन बनाये थे लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उसे वापसी का मौका नहीं दिया। उसकी टीम आखिर में सात विकेट पर 121 रन ही बना पायी।
सब्बीर रहमान ने बांग्लादेश की तरफ से सर्वाधिक 44 रन बनाये। आशीष नेहरा ने शुरू में ही बांग्लादेश के बल्लेबाजों पर दबाव बना दिया तथा जसप्रीत बुमराह ने उनका अच्छा साथ दिया। नेहरा ने अपने दूसरे ओवर में मोहम्मद मिथुन को बोल्ड करके भारत को पहली सफलता दिलायी जबकि बुमराह ने सौम्य सरकार (11) को विकेट के पीछे कैच कराकर बांग्लादेश का स्कोर दो विकेट पर 15 रन कर दिया। इमुरूल कायेस (24 गेंद पर 14 रन) भी रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर सीमा रेखा पर कैच थमाने से पहले रन बनाने के लिये जूक्षते रहे। रहमान ने दस ओवर पूरे होने के बाद पांडया और अश्विन पर छक्के लगाये लेकिन शाकिब अल हसन तभी आठ गेंद पर तीन रन बनाकर रन आउट हो गये। पांडया ने भी अच्छी लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की और उन्होंने रहमान का कीमती विकेट भी लिया जिन्होंने अपनी पारी दो चौके और दो छक्के लगाये। बुमराह, पांडया और अश्विन तीनों का गेंदबाजी विश्लेषण एक समान चार ओवर में 23 रन देकर एक विकेट रहा। नेहरा हालांकि भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 23 रन देकर तीन विकेट लिये। बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज ने अपने आखिरी ओवर में महमुदुल्लाह और मशरेफी मुर्तजा को लगातार गेंदों पर आउट किया। भारत की शुरूआत अच्छी नहीं रही और उसने तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच पर जल्द ही सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (02), विराट कोहली (08) और सुरेश रैना (120 के विकेट गंवा दिए जिससे टीम का स्कोर तीन विकेट पर 42 रन हो गया। रोहित भी जब 21 रन पर थे तब उन्हें जीवनदान मिला और इसका पूरा फायदा उठाकर उन्होंने न सिर्फ टीम को संकट से बाहर निकाला बल्कि स्टेडियम में मौजूद 25 हजार दर्शकों को भी सन्न कर दिया। महेंद्र सिंह धोनी ने पांड्या को खुद से पहले बल्लेबाजी के लिये भेजा और यह युवा आलराउंडर कप्तान के भरोसे पर खरा उतरा। उन्होंने बांग्लादेश के वंडर ब्वाय मुस्तफिजुर रहमान पर छक्का जड़ने के अलावा चार चौके भी लगाये। रोहित और पांड्या ने पांचवें विकेट के लिये 4.3 ओवर में 61 रन की साझेदारी की। रोहित जब आखिर में सीमा रेखा पर सरकार को कैच देकर पवेलियन लौटे तब तक भारत अच्छी स्थिति में पहुंच चुका था। पांडया भी पारी के आखिरी ओवर में आउट हुए। धोनी (नाबाद आठ) ने बांग्लादेश के सबसे सफल गेंदबाज अल अमीन हुसैन (37 रन देकर तीन विकेट) पर छक्का जड़कर पारी का समापन किया। भारत को शुरू में झटके लगने के बाद रोहित ने युवराज सिंह (15) के साथ चौथे विकेट के लिये 55 रन जोड़े। रोहित ने अपना नैसर्गिक खेल दिखाया। उन्होंने पिच के मिजाज को भांपा और दस ओवर पूरे होने के बाद अपने तेवर दिखाये। असल में उन्होंने शुरूआती दस ओवरों में 24 गेंदों पर केवल 20 रन बनाये थे। पारी का टर्निंग प्वाइंट 11वां ओवर रहा। तास्किन अहमद के इस ओवर में रोहित का शाकिब अल हसन ने प्वाइंट पर कैच छोड़ा। रोहित ने जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए अगली तीन गेंद में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 14 रन जुटाए। उन्होंने प्वाइंट और थर्ड मैन के बीच से चौका जड़ने के बाद डीप प्वाइंट के उपर से छह रन बटोरे। अगली गेंद पर थर्ड मैन पर मुस्तफिजुर ने चूक करते हुए भारतीय बल्लेबाज को चौका तोहफे में दिया। रोहित ने इसके बाद बांग्लादेश के कप्तान मुर्तजा पर भी स्क्वायर लेग बाउंड्री पर छक्का जड़ा और फिर शाकिब पर एक रन के साथ 42 गेंद में अपना 10वां टी20 अंतररराष्ट्रीय अर्धशतक पूरा किया। युवराज ने इसके पहले पहला बड़ा शाट खेलने का प्रयास किया लेकिन शाकिब की गेंद पर डीप मिडविकेट बाउंड्री पर सरकार को कैच दे बैठे। इससे पहले वह टी20 अंतरराष्ट्रीय में 1000 रन पूरे करने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बने। उनसे पहले कोहली, रैना और रोहित यह मुकाम हासिल कर चुके थे। युवराज के आउट होने के बाद भी रोहित ने तूफानी तेवर बरकरार रखे। उन्होंने मुर्तजा पर लांग आफ पर अपना तीसरा छक्का जड़ा और फिर दो चौके भी मारे।