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मुंबई: बीसीसीआई ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि क्रिकेट बोर्ड के ढांचे को लेकर जस्टिस लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने में होने वाली ‘कठिनाइयों और असंगतियों’ को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगा । बीसीसीआई की आमसभा की विशेष बैठक में यह तय किया गया कि बोर्ड की ओर से न्यायालय में हलफनामा सचिव अनुराग ठाकुर दाखिल करेंगे। लोढा समिति ने बीसीसीआई में व्यापक बदलावों का सुझाव दिया है जिसमें प्रति राज्य एक वोट, अधिकारियों की आयुसीमा, राज्य और राष्ट्रीय ईकाई में एक साथ पद नहीं, प्रसारित क्रिकेट मैचों में विज्ञापनों का समय सीमित करना शामिल है। बीसीसीआई ने बैठक के बाद जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘सदस्यों ने बोर्ड के मानद् सचिव को बीसीसीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने के अधिकृत किया है।

इसमें बताया जायेगा कि माननीय जस्टिस लोढा समिति के सुझावों को लागू करने में क्या दिक्कतें और असंगतियां हैं।’ समझा जाता है कि बीसीसीआई ने राज्य संघों से कहा है कि वे इस संबंध में अलग हलफनामा दाखिल कर सकते हैं। सौराष्ट्र क्रिकेट संघ पर तो दोहरा प्रभाव पड़ेगा। एक राज्य एक वोट के सुझाव के तहत उसका मतदान अधिकार जायेगा और उसके अध्यक्ष निरंजन शाह को पद छोड़ना होगा जो 70 बरस से अधिक उम्र के है। एक प्रभावी राजस्य संघ के सदस्य और बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उदार होने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन उचित तरीका यह है कि सदस्यों को ऐसे किसी कदम के नतीजों की जानकारी दी जाए। हमें पता होना चाहिए कि अगर बीसीसीआई राजस्व से समझौता करना है जो राज्य संघों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।’ यह भी पता चला है कि सदस्यों ने अध्यक्ष और मानद सचिव को 2016 से 2023 के भविष्य दौरा कार्यक्रम पर दोबारा काम करने को कहा है और सुनिश्चित करने को कहा है मैचों का बराबर वितरण हो।

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