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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने सभी उपक्रमों को 15 अक्तूबर तक ठेकेदारों और आपूर्तिकताओं का सारा बकाया निपटाने का शनिवार को निर्देश दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों के साथ बैठक कर पूंजीगत खर्च के कार्यक्रमों की समीक्षा की।

वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक कंपनियों को 15 अक्तूबर तक एक पोर्टल बनाने के लिए कहा गया है जहां सेवा प्रदाता, आपूर्तिकर्ता और ठेकेदार अपने बिलों तथा भुगतान की स्थिति को देख सकेंगे। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों को आपूर्तिकर्ताओं व ठेकेदारों के साथ ऐसे कानूनी विवादों की समयावधि की जानकारी भी पोर्टल पर मुहैया कराने के लिए कहा गया है जिनके कारण भुगतान रुका है। सार्वजनिक कंपनियों को अगली चार तिमाही में किये जाने वाले खर्च की योजना भी सौंपने को कहा गया है। सरकार सार्वजनिक खर्च बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को छह साल के निचले स्तर से उबारने की कोशिश कर रही है।

नई दिल्ली: सरकार पर लोक ऋण का बोझ बढ़ता जा रहा है। लोक ऋण पर जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जून 2019 को समाप्त पहली तिमाही में सरकार की कुल देनदारी बढ़कर 88.18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई जो कि तीन महीने पहले मार्च 2019 के अंत में 84.68 लाख करोड़ रुपये पर थी। रिपोर्ट के अनुसार जून 2019 के अंत तक सरकार की कुल बकाया देनदारी में लोक ऋण की हिस्सेदारी 89.4 प्रतिशत रही है। यह आंकड़े सार्वजनिक ऋण प्रबंधन प्रकोष्ठ की रिपोर्ट में सामने आए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, सरकार ने जिन प्रतिभूतियों के जरिये राशि जुटाई है उनमें करीब 28.9 प्रतिशत ऐसी हैं जिनकी परिपक्वता अवधि पांच वर्ष से भी कम रह गई है। मार्च 2019 के अंत तक सरकारी प्रतिभूतियों को रखने के मामले में 40.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों के पास और 24.3% बीमा कंपनियों के पास थी।

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सभी मंत्रालयों को पूँजीगत व्यय बढ़ाने तथा छोटे उद्योगों का बकाया भुगतान जल्द चुकाने का निदेर्श दिया। श्रीमती सीतारमण ने यहाँ प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ एक बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। यह बैठक चालू वित्त वर्ष में अब तक कुल पूँजीगत व्यय और तीसरी तथा चौथी तिमाही में संभावित पूँजीगत व्यय की समीक्षा के लिये बुलायी गयी थी।

उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालयों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के उद्योगों का बकाया भुगतान शीघ्र से शीघ्र करने को कहा गया है। अगले कुछ दिनों में छोटे उद्योगों का बकाया चुकाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। छोटे उद्योगों के विकास के लिए पूँजी की उपलब्धता एक प्रमुख समस्या मानी जा रही है। कई छोटे उद्योग कार्यशील पूँजी की कमी के कारण भारी संकट का सामना कर रहे हैं। इससे पहले हाल में वित्त मंत्री ने कहा था कि छोटे उद्योगों की भुगतान की समस्या पर ध्यान दिया जाएगा। छोटे उद्योगों को रोजगार सृजन का मुख्य जरिया माना जाता है।

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम में शुक्रवार को फिर लगातार दूसरे दिन वृद्धि जारी रही। नई वृद्धि के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 80 रुपये लीटर हो गया है, जबकि डीजल 70.55 रुपये प्रति लीटर हो गया है। महाराष्ट्र के ही परभणी में पेट्रोल 81.93 रुपये लीटर बिकने लगा है, जबकि डीजल 71.31 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

दिल्ली, कोलकाता, और मुंबई में शुक्रवार को पेट्रोल 15 पैसे जबकि चेन्नई में 16 पैसे लीटर महंगा हो गया और डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 10 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 11 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढ़कर क्रमश: 74.34 रुपये, 77.03 रुपये, 80.00 रुपये और 77.28 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी बढ़कर क्रमश: 67.24 रुपये, 69.66 रुपये, 70.55 रुपये और 71.09 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।

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