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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार को सरकार ने आर्थिक मंदी को लेकर हुए एक सवाल के जवाब में जीडीपी गिरने की बात तो स्वीकार की, मगर साथ ही यह भी कहा कि भारत जी-20 में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लिखित जवाब में कहा, “2014-19 के दौरान औसत जीडीपी वृद्धि 7.5 प्रतिशत थी, जो कि जी-20 देशों में सर्वाधिक है। वर्ष 2019 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) ने वैश्विक उत्पादन और व्यापार में अच्छी-खासी मंदी का अनुमान लगाया है। फिर भी हाल में जीडीपी में कुछ कमी के बावजूद डब्ल्यूईओ के अनुमान के अनुसार भारत जी-20 देशों में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।”

दरअसल, सांसद एन.के. प्रेम चंद्रन ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने आर्थिक मंदी के कारणों, विदेशी व्यापार समझौते या जीएसटी से इसके कनेक्शन की कोई पड़ताल की है? उन्होंने यह भी पूछा था कि मंदी से निपटने के लिए क्या सरकार आर्थिक नीतियों में परिवर्तन करेगी? निर्मला ने बताया कि देश की जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए सरकार अर्थव्यवस्था में संतुलित स्तर की निश्चित निवेश दर, कम निजी उपभोग दर और नियार्त को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

नई दिल्ली: अरबपति, परोपकारी और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि निजी क्षेत्र के व्यापक नवोन्मेष और डिजिटल उपकरणों जैसी तकनीक के इस्तेमाल से भारत को कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी। भारत के लिए अपने फाउंडेशन की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने यह बात कही। एक साक्षात्कार में गेट्स ने डिजिटल भुगतान के जरिये गरीबों को फायदा पहुंचाने, स्वच्छता और पोलियो मुक्त कार्यक्रम समेत भारत के कई कार्यक्रमों की तारीफ की।

उन्होंने कहा कि उनका फाउंडेशन यहां कुछ सफल हुए कुछ कार्यक्रमों को अफ्रीकी महाद्वीप के देशों में अमल के लिए ले जाना चाहता है। गेट्स फिलहाल भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह यहां बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा करने आए हैं। यह फाउंडेशन यहां स्वास्थ्य, स्वच्छता, कृषि और हाशिए पर पड़े लोगों की वित्तीय सहायता के क्षेत्र में एक दशक से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह यहां स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली कुछ निजी कंपनियों के साथ कुछ नवोन्मेष की जानकारी लेने के लिए बैठक कर रहे हैं।

नई दिल्ली: सहकारी क्षेत्र के पीएमसी बैंक घोटाले से उठे विवादों के बीच केंद्र सरकार बैंक खातों में रखे धन पर बीमा गारंटी की सीमा बढ़ाने की तैयारी में है। इसके लिये संसद के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक रखा जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। सीतारमण ने कहा कि बैंक जमा एवं ऋण गारंटी निगम अधिनियम योजना के तहत मौजूदा संरक्षण को वर्तमान में एक लाख रुपये की सीमा से ऊपर किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि बैंक जामा पर बीमा सुरक्षा की नयी सीमा कितनी होगी। एक लाख रुपये की सीमा 1993 में तय की गयी थी जिसे महंगाई और आयकर छूट की सीमा में बढ़ेतरी आदि को देखते हुए बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुराज्यीय सहकारी बैंकों को नियमन के दायरे में लाने के मामले में मंथन जारी है। सहकारी बैंकों को भी नियमन के लिहाज से बैंकिंग नियमन कानून के दायरे में लाया जा सकता है।

नई दिल्ली: अक्टूबर महीने में आम लोगों को महंगाई से राहत नहीं मिली। खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में उछलकर 4.62 प्रतिशत हुई जबकि सितंबर में यह 3.99 प्रतिशत थी। मांस एवं मछली, सब्जियों तथा दालों के दाम बढ़ने से अगस्त महीने में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली बढ़कर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। यह 10 महीने का उच्चतम स्तर रहा। सितंबर महीने में आम लोगों को महंगाई से राहत मिली थी। इस महीने थोक महंगाई दर 0.33 फसदी रही जबकि यह अगस्त में 1.08 फीसदी थी। प्याज के मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद सितंबर में थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर घटकर 0.33 प्रतिशत दर्ज की गयी।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2018 की तुलना में सितंबर 2019 में थोक मुद्रास्फीति की दर 0.33 प्रतिशत रही है। सितंबर 2018 में यह आंकडा 5.22 प्रतिशत था। जुलाई 2019 में थोक मुद्रास्फीति की दर 1.08 प्रतिशत दर्ज की गयी थी। चालू वित्त वर्ष में अभी तक बिल्ड अप मुद्रास्फीति की दर 1.17 प्रतिशत रही है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकडा 3.96 प्रतिशत था।

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