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नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष के दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत रहने की आशंका है। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक शोध विभाग की रिपोर्ट ‘एकोरैप’ ने यह अनुमान लगाया है। विकास दर में गिरावट के लिए बैंक ने वाहनों की बिक्री में कमी, हवाई यातायात में कमी, बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि दर स्थिर रहने तथा निर्माण एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश में कमी को जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर में तेजी आएगी और यह 6.2 प्रतिशत रह सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर 2018 में 33 प्रमुख संकेतकों में वृद्धि की रफ्तार 85 प्रतिशत रही जो सितंबर 2019 में केवल 17 प्रतिशत रह गई। मार्च 2019 से गिरावट में तेजी आई है। इसमें कहा गया है, मूडीज के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक किए जाने से कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसका कारण यह है कि रेटिंग बीती बातों पर आधारित होती है ओर इस बार बाजार ने भी इसको पूरी तरह से नकार दिया है।

 

06 साल के निचले स्तर पर विकास दर पहुंच गई थी पहली तिमाही में

29 नवंबर को सितंबर तिमाही का जीडीपी आंकड़ा जारी किया जाएगा

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