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नई दिल्ली: सीबीआई ने सोमवार को यस बैंक घोटाले में डीएचएफएल द्वारा बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के को लेकर सात स्थानों पर छापे मारे। सीबीआई ने राणा की पत्नी (बिंदू), तीन बेटियों (रौशनी, राखी, राधा) और एक अज्ञात समेत 7 लोगों और 6 कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई अधिकारियों के दल ने मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ली थी।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया।
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नई दिल्ली: यस बैंक और कोरोना वायरस के प्रभाव से देश के शेयर बाजार उबर नहीं पा रहा हैं। वर्तमान कारोबारी सप्ताह के पहले दिन चौतरफा बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 2300 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ औंधे मुँह नीचे आ गया। सोमवार को सत्र की शुरुआत के बाद सुबह 11 बजे तक सेंसेक्स 1650.72 अंक या 4.39 प्रतिशत घटकर 35925.90 अंक पर आ गया। वहीं निफ्टी 459 अंक या 4.18 प्रतिशत घटकर 10530 अंक पर आ गया। आज सुबह शुक्रवार के बंद 37576.62 की तुलना में 626.42 अंक घटकर 37 हजार से नीचे 36950.20 अंक पर खुला।
कारोबार के शुरू से ही चौतरफा बिकवाली का दबाव रहने से करीब 1200 अंक नीचे 36388.28 अंक पर आ गया। इसके बाद मामूली सुधार से 36427.44 अंक हो गया। यह स्तर शुक्रवार के बंद की तुलना में करीब 1150 अंक नीचे है। निफ्टी भी कारोबार के प्रारंभ से ही बिकवाली के दबाव में रहा और 332 अंक नीचे 10657.95 अंक पर आ गया। निफ्टी के 50 शेयरों में से 46 लाल और चार हरे निशान में थे। पिछले कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल रही थी और शुक्रवार को कारोबार की समाप्ति पर बीएसई का सेंसेक्स 893.99 अंक और निफ्टी भी 289.45 अंक लुढ़क कर क्रमश: 37,576.62 और 10,979.55 अंक पर बंद हुआ।
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नई दिल्ली: सीबीआई ने सोमवार को घोटालों से ग्रसित डीएचएफएल द्वारा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार को कथित रूप से 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के मामले में सात स्थानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों के दल मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी का आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।
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नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के निजीकरण से जुड़े कदम को लेकर रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि ‘देश नहीं बिकने दूंगा’ की बात करने वाले अब मुनाफे में चल रही बीपीसीएल को क्यों बेच रहे हैं? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कहते हैं कि देश नहीं बिकने दूंगा। तो फिर लाभ कमाती बीपीसीएल की बिक्री क्यों? बीपीसीएल ने दिसंबर में 2051.53 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा सरकार को दिया।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी सरकार ने बीपीसीएल में अपनी 53 फीसदी की सारी हिस्सेदारी बेचने के लिये निविदा मांगी हैं। क्या यह भी क्रोनी पूंजीवादी मित्रों से किया चुनावी वादा है?’’
दरअसल, देश में सबसे बड़ी निजीकरण पहल के तहत सरकार ने शनिवार को दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की।
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