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सिंगापुर: वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज (गुरूवार) कहा कि भारत स्थिरता और भरोसे के लिए अपने ज्यादातर कर कानूनों में धीरे धीरे परिवर्तन कर रहा है और प्रस्तावित वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कानून इस दिशा में एक बड़ा कदम है। जेटली ने कहा, ‘‘ भारत में हमारे कराधान कानूनों को धीरे धीरे बदलने का हमारा प्रयास रहा है जिससे विभिन्न लंबित विवादों एवं मुद्दों का समाधान निकाला जा सके और यह पक्का किया जा सके कि विवेकाधिकार की गुंजाइश खत्म हो और जहां तक कराधान कानूनों का संबंध है इसमें अधिक स्थिरता एवं भरोसा कायम हो।’’ यहां 21-22 जनवरी को हो रहे कानूनी मामलों पर एक वैश्विक सम्मेलन में वीडियो के जरिए दिए एक संदेश में जेटली ने कहा कि निवेशक कानूनों में स्थिरता को तरजीह देते हैं और अनिश्चितता नापसंद करते हैं।

मेलबर्न: भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने वादों और योजनाओं को लागू करना प्रमुख चुनौती है। भारत अगर किए गए वादों को पूरा करता है तो यह कारोबार करने के लिहाज से दुनिया का बेहतर स्थल होगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने यह बात कही है। यह पूछने पर कि तीन बातें बताएं, जिनमें बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय परिवर्तन आ सकता है, राजन ने कहा, 'क्रियान्वयन, क्रियान्वयन और क्रियान्वयन'। उन्होंने कहा, 'भारत में हमेशा वादे और उस पर अमल में अंतर रहता है।' उन्होंने कहा, 'अगर कोई भविष्य में मांग के बड़े स्रोत की तलाश में है तो उसके लिए भारत को दरकिनार करना मुश्किल होगा।'

नई दिल्ली: आरबीआई ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी गलती की है। सेंट्रल बैंक ने 30 हजार करोड़ रुपए की कीमत के गलत नोट छाप दिए हैं। यह गड़बड़ी हजार रुपए के नोटों में हुई है। ये नोट बिना सिल्वर सिक्युरिटी थ्रेड के छापे गए हैं। 30 करोड़ नोट में से 20 करोड़ तो रिजर्व बैंक के पास हैं, लेकिन 10 करोड़ नोट बाजार में जारी किए जा चुके हैं। गलती का पता चलने के बाद आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इन नोटों को जलाने का फैसला किया है। अगर आपके पास भी ऐसा नोट आ गया है तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। आरबीआई बैंकों ऐसे नोट एक्सचेंज करने का आदेश दिया है। होशंगाबाद और नासिक में कुछ कर्मचारियों के निलंबन के बाद इस गलती का पता चला है। आरबीआई के मुताबिक, 1 हजार के 5AG और 3AP सीरीज के नोट सिल्वर सिक्युरिटी थ्रेड के बगैर छप गए हैं।

नई दिल्ली: बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती की सीमा मौजूदा डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने और करमुक्त सावधि जमा स्कीमों के लिए परिपक्वता की मियाद घटाकर एक साल किए जाने की वकालत की है जिससे घरेलू बचत को प्रोत्साहन मिल सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट पूर्व चर्चा के दौरान उन्होंने यह मांग भी की कि 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर कर कटौती की जाए जो वर्तमान में 10,000 रुपये है। इस दौरान जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू किए जाने के बाद 2015-16 में प्राथमिक बचत बैंक जमा खाते खोलने में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

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