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नई दिल्ली: रेलवे की पिछले साल दिसंबर में यात्री और मालभाड़ा कमाई लक्ष्य से कम रही है। इससे रेलवे की चिंता बढ़ गई है। लक्ष्य में कमी के अलावा नकदी संकट से जूझ रहा रेलवे सकल बजटीय समर्थन में 12,000 करोड़ रुपये की कटौती का सामना कर रहा है। साथ ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कारण उस पर 32,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। रेलवे ने दिसंबर, 2015 में माल लदान से 9,533.07 करोड़ रुपये की कमाई की जबकि लक्ष्य 10,918.53 करोड़ रुपये था। यानी रेलवे की इस मद में कमाई लक्ष्य से 12.69 प्रतिशत कम रही। रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार यात्री खंड में रेलवे ने पिछले साल 3,786.12 करोड़ रुपये प्राप्त किए जो लक्ष्य से 6.11 प्रतिशत कम है।

लक्ष्य 4,032.61 करोड़ रुपये था। आलोच्य महीने में कुल 68.25 करोड़ टिकट बुक हुए जबकि लक्ष्य 71.79 करोड़ था। इस बारे में रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आम तौर पर मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखकर लक्ष्य ऊंचा रखा जाता जाता है। हालांकि दिसंबर में कमाई अच्छी नहीं रही। हमें उम्मीद है कि जनवरी-मार्च तिमाही में लदान एवं यात्री बुकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’ लक्ष्य में कमी के अलावा रेलवे 40,000 करोड़ रुपये के सकल बजटीय समर्थन में से 12,000 करोड़ रुपये की कटौती का सामना कर रहा है। वित्त मंत्रालय ने रेलवे को पत्र लिखकर चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में कम खर्च का हवाला देते हुए बजटीय समर्थन में 12,000 करोड़ रुपये की कटौती के बारे में सूचना दी है। हालांकि, अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय के कटौती के संकेत को रेलवे ने स्वीकार नहीं किया है। हम वित्त मंत्रालय के संपर्क में हैं और उम्मीद है कि मामला जल्दी ही सुलझ जाएगा।

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