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नई दिल्ली: देश में लगातार दो साल से सूखे की स्थिति के बीच केंद्र ने बुधवार को एक नयी फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत किसानों अनाज एवं तिलहनी फसलों के बीमा संरक्षण के लिए अधिकतम दो प्रतिशत और उद्यानिकी तथा कपास की फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत तक प्रीमियम रखा गया है। यह बहु-प्रतीक्षित योजना -प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना - इस साल खरीफ सत्र से लागू होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। नयी योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और परिवर्तित एनएआईएस की जगह लेगी जिसमें कुछ अंतर्निहित खामियां हैं। सूत्रों ने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने नयी फसल बीमा योजना पर कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’

नई दिल्ली: मैगी नूडल्‍स पर एक बार फिर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने मैसूर स्थित सरकारी प्रयोगशाला से बुधवार को इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा कि क्या मैगी नूडल्स में सीसा और ग्लूटामिक एसिड से संबंधित परीक्षण रिपोर्ट कानून के अंतर्गत अनुमत मानकों के दायरे में हैं। शीर्ष अदालत ने मैसूर प्रयोगशाला से मिले दो पत्रों का अध्ययन करने के बाद आदेश जारी किया। प्रयोगशाला ने मैगी के नमूनों में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) तत्व के बारे में परीक्षण किया था। मैगी निर्माता नेस्ले इंडिया ने हालांकि दावा किया कि सीसा तत्व खाद्य सुरक्षा कानून के तहत नियत अनुमत सीमा के दायरे में था। केंद्र ने कहा कि सभी अन्य मानकों के समग्र परिणामों की आवश्यकता है।

नई दिल्ली: मुख्य रूप से सब्जी एवं अनाजों के दाम बढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई दर) दिसंबर में बढ़कर 5.61% पर पहुंच गयी। यह लगातार 5वां महीना है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। इससे रिजर्व बैंक के लिए अगले महीने नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश सीमित होगी। यहां आज (मंगलवार) जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार आलोच्य महीने के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति भी बढ़कर 6.40% हो गयी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल नवंबर में 5.41% तथा पिछले साल दिसंबर 2014 में 4.28% थी। अनाज एवं आनाज उत्पादों के खुदरा मूल्य दिसंबर में सालाना आधार पर 2.12% बढ़े जबकि नवंबर में इस वर्ग में मुद्रास्फीति 1.7% थी।

नई दिल्ली: नवंबर माह में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 3.2% की गिरावट आई है। यह इस क्षेत्र का चार साल का निम्नतम प्रदर्शन है और इससे गतिविधियों में सुधार की उम्मीद टूटी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आज (मंगलवार) जारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन तथा पूंजीगत सामान के उत्पादन में भारी गिरावट से औद्योगिक उत्पादन घटा है। नवंबर, 2014 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.2% रही थी। यह अक्टूबर, 2011 के बाद आईआईपी का सबसे खराब प्रदर्शन है। उस समय औद्योगिक उत्पादन 4.7% घटा था। अक्तूबर माह के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर के आंकड़े को संशोधित कर 9.9% किया गया है जबकि प्रारंभ में इसे 9.8% बताया गया था।

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