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नई दिल्ली: सरकार ने आज (गुरूवार) कहा कि घरेलू कालाधन अनुपालन खिड़की के तहत की गई घोषणा को गोपनीय रखा जाएगा। यह योजना 30 सितंबर को बंद हो रही है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत दी गई सूचना की गोपनीयता को लेकर चिंता के मद्देनजर यह स्पष्ट किया जाता है कि जिस सूचना में वैध घोषणा की जाएगी, उसे गोपनीय रखा जाएगा और साझा नहीं किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि आयकर आयुक्त, केंद्रीयकृत प्रोसेसिंग केंद्र, बेंगलुरू सीआईटी (सीपीसी) को की गई घोषणा को उसी अधिकार क्षेत्र के प्रधान आयुक्त-आयुक्त को भी साझा नहीं किया जाएगा और इस योजना के तहत किए गया भुगतान को क्षेत्राधिकार के अधिकारी भी नहीं देख पाएंगे। इसी तरह क्षेत्राधिकार प्रधान आयुक्त के पास की गई घोषणा को विभाग के अंदर या बाहर किसी प्राधिकरण या क्षेत्र के आकलन अधिकारियों से साझा नहीं किया जाएगा। सरकार ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) की शुरूआत एक जून को की थी। यह 30 सितंबर को बंद हो रही है।

नई दिल्ली: कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज (गुरूवार) कहा कि दो वर्ष तक लगातार सूखे के बाद इस बार अच्छी बरसात को देखते हुए देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है। वर्ष 2013-14 (जुलाई से जून) में अनाज उत्पादन 26 करोड़ 50.4 लाख टन था जो अब के सर्वोच्च उत्पादन का कीर्तिमान है। सूखे के कारण 2014-15 और वर्ष 2015-16 में उत्पादन घटकर क्रमश: 25 करोड़ 20.2 लाख टन और 25 करोड़ 32.3 लाख टन रह गया था। सरकार ने अच्छी बरसात के मद्देनजर 2016.17 में 27 करोड़ एक लाख टन के खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने इस साल 10 करोड़ 85 लाख टन धान, नौ करोड़ 65 लाख टन और दो करोड़ 45 लाख टन दलहनों के उत्पादन का अनुमान रखा है। रबी फसल पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा, कुल मिलाकर इस साल मानसून की बरसात खेती के अनुकूल है। हमें बेहतर बरसात हासिल हुई है और इसका वितरण भी अच्छा है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस साल हमें रिकॉर्ड उत्पादन हासिल होगा। कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि दलहन उत्पादन रिकॉर्ड मात्रा में होने की उम्मीद है क्योंकि इस बार खरीफ में खेती का रकबा 29 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ 143.95 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि खरीफ सत्र में धान, तिलहन और मोटे अनाजों के बुवाई का रकबा भी बढ़ा है। खरीफ बुवाई का काम जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुर होता है और कटाई का काम अगले महीने से शुर होगा।

नई दिल्ली: करीब आठ साल पहले वैश्विक मंदी से भारत में वेतन वृद्धि मात्र 0.2 प्रतिशत रही है, वहीं समीक्षाधीन अवधि में चीन ने सबसे अधिक 10.6 प्रतिशत की वेतन वृद्धि दर्ज की है। हे ग्रुप के विभाग कॉर्न फेरी के ताजा विश्लेषण के अनुसार, इस अवधि में वास्तविक आधार पर भारत में वेतन वृद्धि मात्र 0.2 फीसदी रही है जबकि इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 63.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। समीक्षाधीन अवधि में वास्तविक वेतन वृद्धि में चीन, इंडोनेशिया और मेक्सिको सबसे आगे रहे हैं। इन वेतन वृद्धि क्रमश: 10.6 प्रतिशत, 9.3 प्रतिशत तथा 8.9 प्रतिशत रही है। वहीं कुछ अन्य उभरते बाजारों मसलन तुर्की, अर्जेंटीना, रूस और ब्राजील की स्थिति इस मामले में काफी खराब रही है। इन देशों की वास्तविक वेतन वृद्धि क्रमश: नकारात्मक 34.4 प्रतिशत, नकारात्मक 18.6 प्रतिशत, नकारात्मक 17.1 प्रतिशत तथा नकारात्मक 15.3 प्रतिशत रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर उभरते जी-20 बाजार या तो एक तरफ या दूसरी तरफ रहे हैं। यानी या तो वहां सबसे अधिक वेतन वृद्धि हुई या सबसे कम। हालांकि, भारत इनके बीच खड़ा है।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज  (बुधवार) कहा कि सरकारी पैसा विभिन्न योजनाओं में अनिश्चितकाल के लिए नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि इससे दक्षता प्रभावित होती है और वृद्धि के रास्ते में अड़चन आती है। पेंशनभोगियों के लिए वेबपोर्टल के शुभारंभ के मौके पर जेटली ने कहा कि जारी सरकारी पैसे का इसके इस्तेमाल से तालमेल बैठाया जाना चाहिए। इसे राज्यों के पास निष्क्रिय पड़े रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आप ऐसा नहीं कर सकते कि सरकारी धन विभिन्न स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिए पड़ा रहे। इससे न केवल दक्षता प्रभावित होती है, बल्कि यह वृद्धि के रास्ते में भी अड़चन पैदा करता है।’ सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) धन के वितरण की निगरानी करती है और यह सुनिश्चित करती है कि राज्यों के खजाने का केंद्र के साथ एकीकरण रहे, जिससे यह सुनिश्चित हो कि कब पैसे की जरूरत है। इसे केंद्रीय योजना स्कीम निगरानी प्रणाली (सीपीएसएमएस) भी कहा जाता है। वित्त मंत्री द्वारा आज जिस वेबपोर्टल की शुरुआत की गई, वह एक स्थान पर सूचना प्रदान करने और शिकायतों के तेजी से निपटान की भूमिका निभाएगा। इस पोर्टल के अलावा महालेखा नियंत्रक भवन का भी उद्घाटन किया गया। यह लेखा महानियंत्रक (सीजीए) का नया आधिकारिक कार्यालय परिसर है। जेटली ने कहा, ‘वेब पोर्टल के जरिये पेंशनभोगियों की मदद एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। किसी को भी परेशान नहीं किया जाना चाहिए, विशेषरूप से पेंशनभोगियों को क्योंकि इसमें से ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक हैं।’

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