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नई दिल्ली: कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज (गुरूवार) कहा कि दो वर्ष तक लगातार सूखे के बाद इस बार अच्छी बरसात को देखते हुए देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है। वर्ष 2013-14 (जुलाई से जून) में अनाज उत्पादन 26 करोड़ 50.4 लाख टन था जो अब के सर्वोच्च उत्पादन का कीर्तिमान है। सूखे के कारण 2014-15 और वर्ष 2015-16 में उत्पादन घटकर क्रमश: 25 करोड़ 20.2 लाख टन और 25 करोड़ 32.3 लाख टन रह गया था। सरकार ने अच्छी बरसात के मद्देनजर 2016.17 में 27 करोड़ एक लाख टन के खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार ने इस साल 10 करोड़ 85 लाख टन धान, नौ करोड़ 65 लाख टन और दो करोड़ 45 लाख टन दलहनों के उत्पादन का अनुमान रखा है। रबी फसल पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा, कुल मिलाकर इस साल मानसून की बरसात खेती के अनुकूल है। हमें बेहतर बरसात हासिल हुई है और इसका वितरण भी अच्छा है। मुझे पूरा भरोसा है कि इस साल हमें रिकॉर्ड उत्पादन हासिल होगा। कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि दलहन उत्पादन रिकॉर्ड मात्रा में होने की उम्मीद है क्योंकि इस बार खरीफ में खेती का रकबा 29 प्रतिशत की भारी वृद्धि के साथ 143.95 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि खरीफ सत्र में धान, तिलहन और मोटे अनाजों के बुवाई का रकबा भी बढ़ा है। खरीफ बुवाई का काम जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुर होता है और कटाई का काम अगले महीने से शुर होगा।

राज्यों से अक्तूबर से शुर होने वाले रबी (जाड़े) सत्र में भी दलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने की अपील करते हुए मंत्री ने कहा, चूंकि अधिकांश दलहन उत्पादन रबी सत्र में होता है, हमें किसानों को दलहन उगाने के लिए निरंतर प्रोत्साहित करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त नहीं होगा तो वे रबी सत्र में दलहन उगाने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, इसी कारण से सरकार ने दलहन खरीद अभियान की शुरूआत की है। सरकारी एजेंसियों ने एमएसपी पर कर्नाटक और महाराष्ट्र में खरीफ मूंग की खरीद शुरू की है। एक बार बाजार में बड़े पैमाने पर आवक के शुरू होने के साथ तुअर और उड़द जैसे अन्य दलहनों की भी खरीद की जायेगी।

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