ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को एक अप्रैल 2017 से लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुये केन्द्र और राज्य आज जीएसटी दर तय करने और दूसरे विधायी कार्यों को पूरा करने की समयसारीणी को लेकर सहमत हो गये। हालांकि, इस नई व्यवस्था के तहत कर लगाने की न्यूनतम कारोबार सीमा तय करने को लेकर उनके बीच मतभेद बरकरार हैं। नवगठित जीएसटी परिषद की आज हुई पहली बैठक में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपनी बात रखने के लिये ज्यादा तवज्जो देने की बात कही। उन्होंने एक राज्य एक मत के सिद्धांत को उपयुक्त नहीं माना और कहा कि इस व्यवस्था में छोटे राज्यों को भी विनिर्माण आधार वाले बड़े राज्यों के बराबर ही मत का अधिकार होगा। हालांकि, राज्यों की इस मांग को बहुमत का साथ नहीं मिला, लेकिन इस पहली बैठक में इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पाई कि वस्तु एवं सेवाकर से छूट की कारोबार सीमा कितनी होनी चाहिये। कुछ राज्य 10 लाख रपये सालाना तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को इससे छूट देने के पक्ष में थे जबकि दिल्ली सहित कई राज्यों ने यह सीमा 25 लाख रुपये वार्षिक रखे जाने की बात कही। ज्यादातर राज्य उंची छूट सीमा के पक्ष में थे। राज्यों के अनुसार कुल कर संग्रह में व्यापारियों से मिलने वाले कर का योगदान मात्र 2 प्रतिशत तक ही होता है। जीएसटी परिषद की बैठक कल भी जारी रहेगी। वित्त मंत्री अरण जेटली की अध्यक्षता वाली इस परिषद में 29 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।आज शुरू हुई बैठक में जीएसटी के बारे में नियमों का मसौदा वितरित किया गया।

सैन फ्रांसिस्को: याहू ने गुरुवार को जानकारी दी है कि वर्ष 2014 में उसके नेटवर्क से कम से कम 50 करोड़ यूज़र एकाउंटों से जुड़ी जानकारी चुरा ली गई थी, और उसका मानना है कि ऐसा 'सरकार की शह पर' किया गया था। कंपनी (Yahoo Inc) ने कहा, "चुराए गए डाटा में नाम, ईमेल एड्रेस, टेलीफोन नंबर, जन्मतिथियां तथा हैश्ड पासवर्ड शामिल हो सकते हैं, लेकिन मुमकिन है, असुरक्षित पासवर्ड, भुगतान करने वाले कार्डों से जुड़ा डाटा तथा बैंक खातों से जुड़ी जानकारी चोरी न हो पाई हो..." कंपनी ने यह भी कहा, "जांच के दौरान इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि सरकार की शह पर ऐसा करने वाले अभी तक याहू के नेटवर्क में मौजूद हैं..." याहू का कहना है कि वह इस मामले को लेकर कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियों के साथ काम कर रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस खुलासे से याहू की उन योजनाओं पर क्या फर्क पड़ेगा, जिनके तहत वह अपनी ईमेल सर्विस तथा अन्य महत्वपूर्ण इंटरनेट उत्पाद वेरिज़ॉन कम्युनिकेशन्स (Verizon Communications Inc) को बेचने जा रही है। वेरिज़ॉन ने जुलाई में कहा था कि वह 4.83 अरब अमेरिकी डॉलर में याहू के महत्वपूर्ण इंटरनेट उत्पादों को खरीदने जा रही है। गुरुवार को वेरिज़ॉन ने कहा कि उन्हें डाटा चोरी की जानकारी पिछले दो दिन के दौरान दी गई है। उन्होंने कहा, "मामले की जांच जारी रहने के साथ-साथ वेरिज़ॉन के हितों को ध्यान में रखते हुए हम भी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे... तब तक हम इससे ज़्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं..."

मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी को लगातार नौंवे साल भारत की सबसे धनी हस्ती आंका गया है और उसकी निवल संपत्ति बढ़कर 22.7 अरब डालर हो गई है। सनफार्मा के दिलीप सांघवी 16.9 अरब डालर संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर रहे हैं। सौ सबसे अमीर लोगों की सूची में योग गर रामदेव के सहयोगी और उनके आयुर्वेदिक एवं खाद्य उत्पादों का कारोबार देखने वाले आचार्य बालकष्ण का नाम भी शामिल है। धनी व्यक्तियों पर फोर्ब्स पत्रिका की नई वर्षिक सूची में हिंदुजा परिवार 15.2 अरब डालर की संपत्ति के साथ भारत के धनी लोगों में तीसरे स्थान पर आ गया है। भारत की 100 सबसे धनी हस्तियों की सूची में विप्रो के अजीम प्रेमजी एक पायदान खिसककर चौथे स्थान पर आ गए हैं। उनकी संपत्ति 15 अरब डालर आंकी गई है। इस सूची में एक आश्चर्यजनक नाम पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकष्ण का है। बाबा रामदेव के निकट सहयोगी बालकष्ण को 2.5 अरब डालर की संपत्ति के साथ सूची में 48वें स्थान पर रखा गया हैं। उल्लेखनीय है कि यह अमेरिकी पत्रिका दुनिया के धनी लोगों की सूचियां भी प्रकाशित करती है। मुकेश अंबानी की संपत्ति बीते एक साल में 18.9 अरब डालर से बढ़कर 22.7 अरब डालर या 1.5 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं। उल्लेखनीय है कि धनी हस्तियों की वैश्विक सूची में मुकेश अंबानी 36वें स्थान पर हैं। फोर्ब्स के अनुसर भारत के 100 सबसे धनी लोगों की कुल निवल संपत्ति 10 प्रतिशत बढ़कर 381 अरब डालर हो गई है जो कि 2015 में 345 अरब डालर थी। मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल को इस सूची में 32वें स्थान पर रखा गया है। उनकी संपत्ति 3.4 अरब डालर आंकी गई है।

नई दिल्ली: उद्योग जगत ने रेल बजट को आम बजट में मिलाने और बजट को फरवरी के अंत से पहले संसद में पेश करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उद्योग जगत का मानना है कि इस फैसले से बजट में की गई घोषणाओं को वित्त वर्ष की शुरआत से ही तेजी से क्रियान्वित करने में मदद मिलेगी, जिससे कारोबारी धारणा मजबूत होगी ओर रेलवे पर लोकलुभावन मांगों का दबाव भी कम हो सकेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘रेल बजट को आम बजट में मिलाने तथा योजना और गैर-योजना व्यय के भेद को समाप्त करने से सरकार के भीतर निर्णय की प्रक्रिया सरल और तर्कसंगत होगी। इससे संसाधनों के इस्तेमाल में भी दक्षता आएगी।’’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 92 साल से चली आर रही परंपरा को समाप्त करते हुए आज रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, ‘यह अच्छी खबर है क्योंकि रेलवे अब देशभर में आधुनिक और दक्ष परिवहन सेवा देने के अपने मूल काम पर ध्यान दे सकेगी।’ कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि 2017-18 का आम बजट पेश करने की तारीख का फैसला केंद्र सरकार विधानसभा चुनावों की तारीख को ध्यान में रखकर करेगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख