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नई दिल्ली: कर विभाग ने आज जीएसटी रिटर्न व रिफंड पर नियमों व उनके प्रारूप के दो और मसौदे आज जारी किए। इसके तहत करदाता द्वारा करों, ब्याज व शुल्कों के रिफंड का दावा करने के लिए मासिक रिटर्न भरना होगा व तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। भागीदारों को उक्त मसौदा नियमों पर टिप्पणी के लिए कल तक का समय दिया गया है। इन नियमों को वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 30 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। सरकार जीएसटी का कार्यान्वयन एक अप्रैल 2017 से करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। रिफंड के नियमों के तहत प्रत्येक पंजीकृत करदाता को एक तय फार्म (जीएसटीआर-3) में मासिक रिटर्न दाखिल करना होगा। इसी तरह प्रत्येक पंजीकृत करदाता द्वारा सालाना रिटर्न इलेक्ट्रोनिक रूप से दाखिल करने का प्रावधान है। नियम के अनुसार कराधान के दायरे में आने वाले हर उस व्यक्ति को सालाना रिटर्न दाखिल करनी होगी जिसका कुल कारोबार किसी वित्त वर्ष में एक करोड़ रूपये से अधिक है। नांगिया एंड कंपनी के निदेशक (अप्रत्यक्ष काराधान) के अनुसार मसौदा नियम कंपोजिशन स्पलायरों द्वारा त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने के तरीके व रूपरेखा, प्रवासी करदाता द्वारा रिटर्न भरने आदि के तरीकों को बताया गया है।
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नई दिल्ली: मुंबई-न्यूयॉर्क विमान में सवार यात्री को बासी भोजन परोसने के मामले में शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने एयर इंडिया को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एयरलाइन द्वारा साल 2015 में दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए कहा, ''सेवा में कमी की प्रकृति'' इस तरह की है जिससे कई यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता था। न्यायाधीश अजीत भरीहोक की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,''सेवा में कमी की प्रकृति और इस तथ्य के मद्देनजर कि इससे कई यात्रियों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता था, हमें राज्य स्तरीय आयोग का मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का आदेश गलत नहीं लगता है।'' महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता आयोग ने मुआवजे को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया था। शिकायतकर्ता मालती मधुकर फहाड़े ने दावा किया था कि मुंबई से न्यूयॉर्क विमान में उन्हें बासी भोजन दिया गया था। इसके अलावा उनके चावल के कटोरे में एक बाल भी गिरा हुआ था। राज्य आयोग के आदेश को एयर इंडिया ने चुनौती दी थी।
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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप की जानकारी फेसबुक के साथ साझा करने के मामला में बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि 25 सितंबर तक का सारा डाटा सुरक्षित है और ये फेसबुक के साथ साझा नहीं होगा। जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने प्रिवेसी पॉलिसी को बरकरार रखा लेकिन साथ ही कहा कि 25 सितंबर से पहले यूजर्स ने जो डाटा शेयर किया है, उसे भी व्हाट्सऐप इस्तेमाल नहीं कर सकता। नई पॉलिसी यूजर्स द्वारा 25 सितंबर के बाद शेयर किए जाने वाले डाटा पर ही लागू होगी। बता दें कि फेसबुक के इन्सटंट मैसेजिंग और वॉइस कॉलिंग ऐप व्हाट्सऐप से संबंधित कंपनियों को शेयर किया जा सकता है। हाइकोर्ट ने कहा अगर उपभोक्ता 25 सितंबर से पहले अपना अकाउंट डिलीट करते हैं तो सर्वर से डाटा डिलीट होगा। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अगर उपभोक्ता 25 सितंबर के बाद भी व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं तो उसके बाद का डाटा फेसबुक के साथ साझा हो सकता है। Ads by ZINC हाइकोर्ट का ये फैसला उस पीआईएल पर आया है जिसमें व्हाट्सएप की जानकारी फेसबुक से शेयर करने की पॉलिसी को चुनौती दी गई थी। आपको बता दें कि व्हाट्सएप के नए अपडेट में कंपनी की नई पॉलिसी के लिए यूजर्स की सहमति मांगी जा रही है. इस नई पॉलिसी के तहत व्हाट्सएप अपने यूजर्स का नंबर अपनी पैरेंट कंपनी फेसबुक के साथ साझा करेगा।याचिका में कहा गया था कि फेसबुक की ये नई पॉलिसी बेहद भ्रामक है जिसका नफा-नुकसान आम आदमी आसानी से नहीं समझ पाएगा।
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सिंगापुर: योग गुरू रामदेव के करीबी सहयोगी बालकृष्ण 100 सबसे अमीर भारतीयों की फाब्र्स सूची में शामिल हो गए हैं। उनके पास पतंजलि आयुर्वेद में 97 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उससे उनकी हैसियत 2.5 अरब डॉलर की हो गयी है। फोर्ब्स की इस 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में बालकृष्ण का 48वां स्थान है। इस सूची में चौंकाने वाली एक और बात आन लाइन खुदरा प्लेटफार्म चलाने वाले कारोबारी और फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन और बिन्नी बंसल का इस सूची से बाहर हो जाना है। फोब्र्स ने कहा है, ‘अच्छे राजनीतिक संबंधों वाले योग गुरू बाबा रामदेव के बचपन के दोस्त (बालकृष्ण) ने इस सूची में पदार्पण किया है जिसके तेजी से बढ़ती उपभोक्ता सामान विनिर्माता बनाने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद में उनकी 97 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस कंपनी को दोनों ने मिलकर 2006 में शुरू किया था।’ पत्रिका ने कहा, ‘करीब 7.8 करोड़ डॉलर की कमाई करने वाली पतंजलि हर्बल टूथपेस्ट और कॉस्मेटिक्स से लेकर नूडल्स और जैम सब कुछ बेचती है। रामदेव कंपनी में किसी तरह के शेयर नहीं रखते हैं और वह कंपनी के वस्तुत: ब्रांड एंबेसडर हैं जबकि बालकृष्ण उसका परिचालन संभालते हैं।’ इसमें कहा गया है, ‘इसके अलावा बालकृष्ण 5,000 पतंजलि स्वास्थ्य केंद्रों, पतंजलि विश्वविद्यालय एवं योग-आयुर्वेद शोध संस्थान को भी देखते हैं। उनका कहना है कि पतंजलि का लाभ विभिन्न न्यासों को दान कर दिया जाता है।’ बालकृष्ण इस सूची में नए शामिल छह लोगों में से एक हैं, जबकि मुकेश अंबानी लगातार नौवें साल इस सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं।
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