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नई दिल्ली: मुद्रास्फीति के ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर आने तथा औद्योगिक वृद्धि के दो प्रतिशत से नीचे जाने के कारण रिजर्व बैंक पर मौद्रिक नीति रुख में बदलाव लाने और नीतिगत दर में कटौती का दबाव बढ़ा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति की 1-2 अगस्त को बैठक होगी, जिसमें 2017-18 की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति के बारे में निर्णय किया जाएगा। अगली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले मुद्रास्फीति का आंकड़ा आ चुका है और इसने केंद्रीय बैंक की जून में पेश मौद्रिक नीति समीक्षा में कीमत मोर्चे पर जतायी गयी चिंता को निर्मूल साबित किया है। एमपीसी ने मुद्रास्फीति के बढ़ने का जोखिम का हवाला देते हुए लगातार चौथी बार रेपो दर 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा। मौद्रिक नीति समिति की बैठक में पटेल ने समय से पहले नीतिगत कार्रवाई से बचने की दलील देते हुए मुद्रास्फीति के और आंकड़ों का इंतजार करने को कहा था। उन्होंने कहा था, ‘हाल में खाद्य एवं गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई में जो कमी आयी है, वह कितना टिकाऊ है, आगामी आंकड़ों से साफ होगा।’
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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को बताया कि चलन से बाहर किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती के लिए कर्मचारियों की छुट्टियों तक में कटौती की गई है। उन्होंने वित्त से संबंधित स्थायी संसदीय समिति से कहा कि प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए और नोट गिनने वाली और मशीनें मंगाई जा रही हैं। कर्मचारी रविवार को छोड़कर 24 घंटे काम कर रहे हैं। वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष बुधवार को पेश पटेल ने नोटबंदी और उसके प्रभाव के बारे में पूछे गए सवालों पर कहा, चलन से हटाए गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों की गिनती का काम सप्ताह में छह दिन लगातार चल रहा है। इस बड़े कार्य को पूरा करने के लिये शनिवार के अवकाश के अलावा कई अन्य छुट्टियां निलंबित की गई हैं। पटेल ने समिति के समक्ष कहा कि केंद्रीय बैंक ने नोटों की गिनती के लिए नई मशीनों को लेकर निविदा भी जारी की है। समिति की बैठक तीन घंटे से अधिक चली और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य ने भाग लिया। बैठक के दौरान जब विपक्षी दलों के सदस्यों ने गवर्नर को घेरने की कोशिश की।
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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छोटे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) हस्तांतरण पर शुल्क समाप्त कर दिया है। इससे पहले 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर देय सेवाकर के साथ स्टेट बैंक प्रति लेनदेन 5 रुपये का शुल्क वसूल रहा था। उल्लेखनीय है कि आईएमपीएस एक त्वरित अंतरबैंकिंग इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण सेवा है। इसका उपयोग मोबाइल फोन और इंटरनेट बैंकिंग दोनों माध्यम से किया जा सकता है। बैंक ने कहा, छोटे लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उसने 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस हस्तांतरण पर शुल्क माफ कर दिया है। माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के बाद वित्तीय लेनदेन पर 18 की दर से कर लगाए जाने की सूचना देने के दौरान उसने यह जानकारी दी। अब 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस हस्तांतरण पर शुल्क माफ होगा।
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जयपुर: धार्मिक संस्थानों द्वारा श्रद्धालुओं को खिलाए जाने वाले मुफ्त भोजन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं वसूला जाएगा, लेकिन इसमें लगने वाली सामग्रियों जैसे चीनी, तेल, घी आदि पर जीएसटी लगेगा। सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, 'मीडिया में इस आशय की खबरें चलाई जा रही हैं कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित अन्न क्षेत्रों में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लगेगा। यह बात पूरी तरह से गलत है। इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं देना होगा। इसके अलावा धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों, मस्जिदों, चर्च, गुरुद्वारों, दरगाह में दिए जाने वाले प्रसादम पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्य है।' इसमें आगे कहा गया, 'लेकिन, प्रसादम बनाने में काम आने वाले कुछ कच्चे माल एवं उनसे जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा। इनमें चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन, इन वस्तुओं की ढुलाई से जुड़ी सेवा इत्यादि शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर कच्चे माल और इनसे जुड़ी सेवाओं के अनगिनत उपयोग हैं।
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