नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को बताया कि चलन से बाहर किए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती के लिए कर्मचारियों की छुट्टियों तक में कटौती की गई है। उन्होंने वित्त से संबंधित स्थायी संसदीय समिति से कहा कि प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए और नोट गिनने वाली और मशीनें मंगाई जा रही हैं। कर्मचारी रविवार को छोड़कर 24 घंटे काम कर रहे हैं। वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष बुधवार को पेश पटेल ने नोटबंदी और उसके प्रभाव के बारे में पूछे गए सवालों पर कहा, चलन से हटाए गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों की गिनती का काम सप्ताह में छह दिन लगातार चल रहा है। इस बड़े कार्य को पूरा करने के लिये शनिवार के अवकाश के अलावा कई अन्य छुट्टियां निलंबित की गई हैं। पटेल ने समिति के समक्ष कहा कि केंद्रीय बैंक ने नोटों की गिनती के लिए नई मशीनों को लेकर निविदा भी जारी की है। समिति की बैठक तीन घंटे से अधिक चली और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य ने भाग लिया। बैठक के दौरान जब विपक्षी दलों के सदस्यों ने गवर्नर को घेरने की कोशिश की।
कांग्रेस के एक सदस्य ने तो यहां तक पूछा कि क्या आरबीआई नोटबंदी के बाद जमा रकम के बारे में मई 2019 तक जानकारी देगा, जब संसद का मौजूदा कार्यकाल समाप्त होगा। इस पर समिति के अध्यक्ष एम वीरप्पा मोइली और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हस्तक्षेप किया। बता दें कि पटेल के साथ आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एस एस मूंदड़ा भी मौजूद रहे। वित्त पर संसद की समिति नोटबंदी को लेकर अपनी रिपोर्ट 17 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में पेश करेगी। इसके साथ ही इस मुद्दे पर अब रिजर्व बैंक के गवर्नर को नहीं बुलाया जाएगा। यह जानकारी समिति के अध्यक्ष एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को दी। मोइली ने बताया कि बुधवार को हमारी नोटबंदी और विभिन्न मुद्दों पर तीन घंटे तक विस्तार से चर्चा हुई। समिति नोटबंदी के मुद्दे पर रिजर्व बैंक के गवर्नर को अब और नहीं बुलाएगी। बता दें बुधवार को पटेल जनवरी के बाद इस मुद्दे पर दूसरी बार पेश हुए।