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नई दिल्ली: जीएसटी के तहत तीन सौ से ज्यादा उत्पादों पर करों में कटौती के बावजूद देसी और बहुराष्ट्रीय कंपनियां दामों में कमी न करने के अजीबोगरीब बहाने बना रही हैं। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण को नोटिस के जवाब में कंपनियों की यह हेराफेरी सामने आई है। प्राधिकरण को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतों को सुने, उनसे जवाब मांगे और नियमानुसार कार्रवाई करे।

जीएसटी के तहत किसी कंपनी के खिलाफ ज्यादा कर वसूलने या मुनाफाखोरी की शिकायत पहले राज्यस्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी के पास जाती है। जो मामले राष्ट्रीय स्तर के होते हैं, उन्हें स्थायी समिति के पास भेज दिया जाता है। रक्षोपाय महानिदेशालय (डीजीएस) इनकी जांच करता है। डीजीएस तीन माह में जांच पूरी कर प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट देता है।

नई दिल्ली: देश की 23 बीमा कंपनियों के पास बीमाधारकों का 15,167 करोड़ रुपये बिना दावे का पड़ा है। इस पैसे का कोई लेनदार नहीं है। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों से इस तरह के बीमाधारकों की पहचान करने और उन्हें उनका पैसा देने के निर्देश दिए हैं। हर बीमा कंपनी में पॉलिसीधारक की सुरक्षा के लिए बनायी गई निदेशक स्तरीय समिति को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बीमाधारकों के सभी बकायों का समय से भुगतान करे। बिना दावे वाली कुल 15,166.47 करोड़ रुपये की राशि में से भारतीय जीवन बीमा निगम के पास अकेले ही 10,509 करोड़ रुपये पड़े हैं। जबकि निजी क्षेत्र की अन्य 22 बीमा कंपनियों के पास ऐसे 4,657.45 करोड़ रुपये पड़े हैं जिनका कोई दावेदार सामने नहीं आ रहा है।

निजी बीमा कंपनियों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पास 807.4 करोड़ रुपये, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के पास 696.12 करोड़ रुपये, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के पास 678.59 करोड़ रुपये और एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस में 659.3 करोड़ रुपये पड़े हैं।

नई दिल्ली: ट्रक आपरेटरों की आठ दिन से चली आ रही हड़ताल शनिवार को समाप्त हो गई। सरकार ने ट्रक आपरेटरों की मांगों पर विचार का आश्वासन दिया है। जिसके बाद उन्होंने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के आह्वान पर 20 जुलाई को ट्रक आपरेटर हड़ताल पर चले गए थे। ट्रक आपरेटर डीजल कीमतों में कटौती की मांग कर रहे हैं। एआईएमटीसी का दावा है कि उसे 93 लाख ट्रक आपरेटरों का समर्थन हासिल है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा एआईएमटीसी ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हड़ताल समाप्त हो गई है।

ट्रांसपोर्टरों तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के बीच मैराथन बैठक के बाद हड़ताल वापस लेने का फैसला किया गया। बयान में कहा गया है कि सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की मांगों पर विचार और साथ ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित करने का आश्वासन दिया है , जिसके बाद हड़ताल वापस लेने का फैसला किया गया।

नई दिल्ली: अमेरिका की बहुराष्ट्रीय वित्तीय कंपनी मास्टरकार्ड भारत में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 6,500 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) का निवेश करेगी। कंपनी ने यह निवेश साल 2014 से करना शुरू किया था, जो साल 2019 तक पूरा हो जाएगा। मास्टरकार्ड ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि 2014 में शुरू हुए स्थानीय निवेश में दो प्रमुख अधिग्रहण शामिल हैं, पहला बेंगलुरू और गुरुग्राम में नए कार्यालय और दूसरा पुणे में मास्टरकार्ड इनोवेशन लैब्स और वैश्विक संचालन केंद्र।

अभी हाल ही में, कंपनी ने वडोदरा में एक प्रौद्योगिकी केंद्र खोला है, जहां इंजीनियर्स और डाटा वैज्ञानिक मोबाइल टेक्नोलॉजी और साइबर सुरक्षा के लिए टूल्स और सॉफ्टवेयर विकसित करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कंपनी ने कहा कि 2013 से अब तक, मास्टरकार्ड ने भारत के अपने कर्मचारियों की संख्या 29 से बढ़ाकर लगभग 2,000 तक कर ली है, जो मास्टरकार्ड की वैश्विक कर्मचारियों का 14 फीसदी है और यह अमेरिका के बाहर सबसे बड़ी संख्या हैं

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