नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में रेलवे को जमकर फटकार लगाई है। रेलवे को सबसे ज्यादा फटकार फ्लेक्सी फेयर स्कीम पर लगाई गई है। कैग ने कहा है कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर लागू होने के बाद 2-एसी की 17 फीसदी से ज्यादा सीट खाली रहीं और 3-एसी की 5 फीसदी सीटें खाली थीं, जबकि शताब्दी ट्रेनों की 25 फीसदी सीटें खाली रही हैं। कैग ने कहा है कि 3-एसी से रेलवे पहले से फायदा कमा रहा था इसलिए इसमें फ्लेक्सी किराया लागू करना उचित नहीं था।
प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर लगने से 9 सितंबर, 2016 से 31 जुलाई, 2017 तक इन ट्रेनों से करीब 7 लाख मुसाफ़िर दूर हो गए हैं। फ्लेक्सी फेयर की वजह से रूट पर चलने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों पर लोड बढ़ा है। कैग का कहना है कि 120 दिन पहले टिकट बुक कराने पर 17 दिशाओं में हवाई यात्रा सबसे सस्ती हैं। हालांकि बाक़ी बची 9 दिशाओं में हवाई किराया ज्यादा है, लेकिन यह महज 600 रुपये ज्यादा है। 90 दिन पहले टिकट बुक कराएं तो 18 दिशाओं में हवाई सफर सबसे सस्ता है।
60 दिन पहले टिकट लेने पर 19 दिशाओं में हवाई यात्रा सबसे सस्ता है और 30 दिन पहले टिकट लें तो 17 दिशाओं में हवाई यात्रा सबसे सस्ती है। वहीं, प्रीमियम ट्रेनों में तत्काल योजना लागू होने से सितम्बर 2015 से जुलाई 2016 की 11 महीनों की अवधि में राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस के 2-एसी, 3-एसी और सीसी क्लास में 5 से 27 फीसदी सीटें खाली रहीं। सिर्फ दुरंतो एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में सभी बर्थ भरे। कैग ने कहा कि अगर तत्काल योजना के तहत 30 फीसदी सीटें को इस्तेमाल करने में रेलवे सक्षम नहीं था तो 40 से 50 फीसदी बढ़े किराए के साथ फ्लेक्सी फेयर के तहत 90 फीसदी सीटों को आवंटित करना सही नहीं था।
फ्लेक्सी फेयर
फ्लेक्सी फेयर में जैसे-जैसे ट्रेनों में सीटें भरती जाएंगी, उसके किराए में इजाफा होता जाएगा। ट्रेन की 10 प्रतिशत भरने के बाद आपको बेस फेयर पर 10 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। सेकेंड क्लास, स्लीपर, सेकेंड एसी और चेयर कार पर ये नियम लागू होगा। जबकि थर्ड एसी में शुरुआती 40 फीसदी सीटों भरने के बाद उसके बेसिक किराए में 10 फीसदी का इजाफा होगा।