नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था में आगामी छह महीनों में सुधार की उम्मीद है। उद्योग मंडल एसोचैम बिजकॉन सर्वेक्षण के अनुसार क्षमता के कम इस्तेमाल तथा मुनाफा मार्जिन पर दबाव की वजह से निजी क्षेत्र का निवेश चिंता का विषय बना हुआ है। सर्वेक्षण में शामिल 63 प्रतिशत लोगों का विचार है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति में आगामी छह महीने में सुधार होगा। हालांकि, इसमें कहा गया है कि क्षमता के कम इस्तेमाल की वजह से निजी क्षेत्र का निवेश, अतिरिक्त आपूर्ति और मुनाफे पर दबाव अगली कुछ तिमाहियों में चिंता का विषय बने रहेंगे। घरेलू निवेश के मामले में 58.3 प्रतिशत लोगों की राय थी कि व्यक्तिगत कंपनी के स्तर पर निवेश योजना में कोई बदलाव नहीं होगा।
सर्वेक्षण के अनुसार, आगे चलकर धारणा स्थिर रहेगी। 62.5 प्रतिशत लोगों की राय थी कि जनवरी से मार्च, 2016 की तिमाही में निवेश के स्तर में कोई बदलाव नहीं होगा। सर्वेक्षण कहता है, ‘ऐसे में निजी क्षेत्र के निवेश में कमी का सिलसिला कायम रहेगा।’ एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने मुनाफे पर दबाव तथा निवेश की कमी को लेकर चिंता जताई।