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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

टोक्यो: जापान की सत्तारूढ़ पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी को रविवार को हुए संसदीय चुनाव में भारी जीत हासिल हुई है। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसकी सहयोगी कोमैतो को 248 सदस्यीय सदन में 146 मत हासिल हुए, जो बहुमत के आंकड़े से काफी अधिक हैं। इस जीत से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा वर्ष 2025 तक पद पर बने रहेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा दीर्घकालिक नीतियों पर काम जारी रखेंगे।

संसद के उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में भारी जीत मिलने पर किशिदा ने सबका आभार जताया, लेकिन इस दौरान वह गमगीन दिखाई दिए। आबे की हत्या से उबरने और पार्टी को एकजुट रखने की बड़ी जिम्मेदारी उन पर है। उन्होंने कहा कि पार्टी की एकता किसी भी चीज से अधिक जरूरी है। कोविड-19 से निपटना, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से जुड़े मसले और बढ़ती कीमतें उनकी प्राथमिकताएं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह संविधान में सुधार की दिशा में तेजी से काम करेंगे। आबे की हत्या और उसके बाद हुए चुनाव के परिणामों के नए मायने हैं।

कोलंबो: श्रीलंका में सभी दल राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के संभावित इस्तीफे के बाद सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाने पर सहमत हो गए हैं। रविवार को हुई मुख्य विपक्षी दलों की बैठक में इस पर आम राय बनी। खबरों के मुताबिक, गोटाबाया 13 जुलाई को त्यागपत्र देने को राजी हो गए हैं। वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघ ने पहले ही इस्तीफे की घोषणा कर दी है। विपक्षी दल राजपक्षे के त्यागपत्र के बाद देश को अप्रत्याशित आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। अंतरिम सरकार एक निश्चित समय के लिए जिम्मेदारी संभालेगी और उसके बाद आम चुनाव कराए जाने के संकेत हैं।

श्रीलंका में सत्तारूढ़ पार्टी पोडुजाना पेरामुना के अलग हो चुके संगठन के नेता विमल वीरावानसा ने कहा, हम सैद्धांतिक तौर पर एकजुट होकर नई सरकार के गठन को लेकर सहमत हो गए हैं। इसमें सभी दलों का प्रतिनिधित्व होगा। एक अन्य नेता ने कहा, हम राष्ट्रपति पद से गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे का इंतजार कर रहे हैं। गोटाबाया ने संसद के स्पीकर महिंदा यापा को सूचना दी है कि वो बुधवार को पद छोड़ देंगे।

कोलंबो: श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन की मांग की है। उन्होंने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कुछ घंटे पहले ही 13 जुलाई को पद छोड़ने की सहमति जताई।

देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल सिल्वा ने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर उत्पन्न हुआ है। सिल्वा ने श्रीलंका के सभी लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया।

यह बयान शनिवार को गाले फेस और फोर्ट व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद जारी किया गया। इन घटनाओं के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। श्रीलंका में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शनिवार को कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे। 

कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को भारत में कीव के राजदूत को बर्खास्त कर दिया है। राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के जरिये यह जानकारी दी गई है। भारत के साथ ही कई अन्य देशों में यूक्रेन के राजदूतों को हटाया गया है।

खबरों के मुताबिक, इस आदेश के पीछे कोई कारण नहीं बताया गया है। यूक्रेन के जर्मनी, चेक गणराज्य, नॉर्वे और हंगरी के राजदूतों की बर्खास्तगी की भी घोषणा की गई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उन्हें नया काम दिया जाएगा।

जेलेंस्की ने अपने राजनयिकों से यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य सहायता जुटाने का आग्रह किया है, क्योंकि रूस के 24 फरवरी के आक्रमण से बचाव के लिए उसे इसकी जरूरत है।

जर्मनी के साथ कीव के संबंध विशेष रूप से संवेदनशील मामला रहा है। जर्मनी जो रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर काफी निर्भर है और यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

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