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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को इस्तीफे का एलान कर दिया। इससे पहले उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। हालांकि, डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नए नेता का चुनाव होने तक बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे।

जॉनसन ने संबोधन की शुरुआत में कहा कि अब तक हुए घटनाक्रम से साफ है कि संसदीय दल चाहता है कि अब पार्टी का एक नया नेता प्रधानमंत्री पद पर बैठे। उन्होंने कहा कि नए पीएम के लिए मुकाबले के शेड्यूल के बारे में अगले हफ्ते जानकारी दी जाएगी। जॉनसन ने कहा कि आज उन्होंने अगले प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक काम करने के लिए एक कैबिनेट का गठन किया है।

जॉनसन अपने संबोधन के दौरान काफी भावुक भी दिखे। उन्होंने कहा कि 2019 में मेरे नेतृत्व में पार्टी को 1987 के बाद सबसे बड़ा बहुमत मिला था। हमारा वोट शेयर 1979 के बाद सबसे ज्यादा था। उन्होंने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल के दौरान जो भी काम किए, उन पर गर्व है।

उन्होंने ब्रेग्जिट के साथ कोरोना महामारी से देश को निकालने की बात कही। साथ ही वैक्सिनेशन कार्यक्रम की सफलता का भी जिक्र किया। जॉनसन ने कहा कि यूक्रेन की मदद में भी ब्रिटेन ने पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया है। अपने संबोधन को खत्म करने के साथ उन्होंने पार्टी के अपने साथियों को शुक्रिया कहा।

जॉनसन ने कहा, "सरकार को अभी बाकी बचे कार्यकाल में काफी कुछ करना है। मैंने साथियों को काफी समझाने की कोशिश की कि प्रधानमंत्री को बदलना एक गलत कदम होगा। लेकिन मैं उन्हें समझा नहीं पाया।" उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई भी ऐसा नहीं है, जो दूर-दूर तक बेहद जरूरी हो। उन्होंने पार्टी के चुनावी सिस्टम का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जल्द ही इस मॉडल से हमें नया नेता मिलेगा। जॉनसन ने साफ किया कि उनके पद छोड़ने से कई लोग निराश होंगे और वे खुद दुनिया की सबसे अच्छी नौकरी छोड़कर दुखी हैं।

बीबीसी और अन्य मीडिया हाउस ने रिपोर्ट किया कि लीडरशिप इलेक्शन गर्मियों में होगा और विजेता अक्टूबर की शुरुआत में पार्टी की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में बोरिस जॉनसन का स्थान लेगा। इससे पहले खबर आई थी कि यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज कंजरवेटिव पार्टी के मुखिया के पद से इस्तीफा देंगे। बीबीसी ने यह जानकारी दी थी। नए नियुक्त किए गए मंत्रियों ने भी उनका साथ छोड़ दिया था और उनकी कैबिनेट से 50 से अधिक सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से लगातार प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी पद छोड़ने का दबाव बन रहा है।

वरिष्ठ मंत्रियों ने दी थी पद छोड़ने की सलाह

प्रधानमंत्री जॉनसन के संकट को बढ़ाते हुए उनकी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने बुधवार शाम प्रधानमंत्री निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट जाकर उनसे पद छोड़ने को कहा। सबसे खास बात यह थी कि उनकी कट्टर समर्थक मानी जाती रहीं गृह मंत्री प्रीति पटेल भी इन मंत्रियों में शामिल थीं। मंत्रियों पर दबाव बनाने के लिए जॉनसन सबसे अलग-अलग मिले। लेकिन समझा जाता है कि उनके 15 से ज्यादा मंत्रियों ने अगले चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी की संभावनाएं बेहतर करने के लिए नेतृत्व में बदलाव पर जोर दिया।

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