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लंदन: ब्रिटेन (यूके) में प्रधानमंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के नेता बोरिस जॉनसन की जगह लेने की दौड़ में भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक सबसे आगे निकले हैं। कंजरवेटिव पार्टी में पहले चरण के मतदान के बाद पूर्व चांसलर ऋषि सुनक को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक पेनी मोर्डौंट के 67 वोटों की तुलना में ऋषि सुनक को कुल 88 वोट मिले हैं। जबकि पहले चरण की वोटिंग में ट्रस लिज को महज 50 वोटों से संतोष करना पड़ा है। जबकि वित्त मंत्री नादिम ज़हावी और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे जेरेमी हंट पहले ही रेस से बाहर हो चुके हैं। यूके के प्रधानमंत्री बनने की रेस में भारतीय मूल के एक और सांसद सुएला ब्रेवरमैन भी हैं। चुनाव को लेकर जारी तारीखों के अनुसार 5 सितंबर को यूके के नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा होनी है।
प्रधानमंत्री पद के लिए मंगलवार की शाम नामांकन प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है, लिहाजा उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ गए हैं। उम्मीदवारों की सूची में विविधता की एक और मिसाल नाइजीरियाई मूल की पूर्व मंत्री केमी बेडेनोक का चुनाव लड़ना है, जो लंदन में पैदा हुई थीं।
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कोलंबो: श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भागने के बाद स्थित और बिगड़ गई है। खबर है कि देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। साथ ही प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है। राजधानी कोलंबों में भी हालात काबू से बाहर होते जा रहा हैं। लोग विक्रमसिंघे के भी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पीएम आवास पर भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है। पुलिस को भी भीड़ के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
विक्रमसिंघे के प्रवक्ता ने जानकारी दी, 'प्रधानमंत्री ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर देशभर में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लागू कर दिया है।' बुधवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी पीएम आवास पर पहुंच गए थे। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के पूर्व सलाहकार ने बताया कि लोग पीएम और राष्ट्रपति दोनों को सरकार से बाहर देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि पीएम इस्तीफा दे दें, क्योंकि हमारे संविधान के अनुसार अगर राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं, तो पीएम कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाएंगे। लोग चाहते हैं कि दोनों चले जाएं।
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कोलंबो: श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने कयासों पर आधारित उन रिपोर्टों को "आधारहीन" कहकर खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया है कि भारत ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश से बाहर निकलने में मदद की है। खबरों के मुताबिक गोटाबाया अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे पहले ही संकटग्रस्त श्रीलंका को छोड़कर भाग गए हैं।
श्रीलंका में भारतीय हाईकमीशन ने ट्वीट किया, "उच्चायोग स्पष्ट रूप से उन निराधार और अनुमानों पर आधारित मीडिया रिपोर्टों का खंडन करता है कि भारत ने श्रीलंका से गोटाबाया राजपक्षे को हालिया यात्रा के लिए सुविधा उपलब्ध कराई।"
उच्चायोग ने कहा कि फिर दोहराया जाता है कि भारत श्रीलंका के लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों, मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति की अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी पत्नी ने दो बॉडी गार्ड के साथ देश के रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के बाद मालदीव की यात्रा पर गए हैं।
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कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर फरार हो गए हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार तड़के उन्होंने अपने देश से मालदीव के लिए उड़ान भरी। बता दें कि गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देने वाले थे। इसी बीच अब ये देश से भाग गए हैं। राष्ट्रपति के रूप में, राजपक्षे को गिरफ्तारी से छूट प्राप्त है। माना जा रहा है कि हिरासत में लिए जाने की संभावना से बचने के लिए वे पद छोड़ने से पहले विदेश चले गए। दरअसल गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को इस्तीफा देने और "सत्ता के शांतिपूर्ण संक्रमण" का रास्ता साफ करने का वादा किया था। लेकिन इससे पहले ही वे देश से भाग गए।
आव्रजन सूत्रों ने मीडिया को बताया कि वह, उनकी पत्नी और एक अंगरक्षक एंटोनोव-32 सैन्य विमान में सवार चार यात्रियों में शामिल थे। जिन्होंने श्रीलंका के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी। वहीं माले हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने कहा कि मालदीव पहुंचने पर उन्हें पुलिस सुरक्षा के तहत एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
राजपक्षे के छोटे भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने कल श्रीलंका छोड़ने की कोशिश की थी।
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