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जकार्ता: इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में एक फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ में 174 लोगों की मौत हो गई और 180 लोग घायल हो गए। मीडिया रिर्पोटस में इंडोनेशियाई पुलिस के हवाले से रविवार को यह जानकारी दी गयी है। पूर्वी जावा के पुलिस प्रमुख निको अफिंटा ने संवाददाताओं से कहा कि अरेमा एफसी और पर्सेबाया सुराबाया के बीच मैच समाप्त होने के बाद, हारने वाली टीम के समर्थकों ने ग्राउंड पर हमला कर दिया। इस पर पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। हादसे में दम घुटने के मामले सामने आए।

स्थानीय समाचार चैनलों के वीडियो फुटेज में लोग मलंग के स्टेडियम में दौड़ते हुए और शवों को ले जाते हुए दिखाए गए हैं।

इंडोनेशियाई शीर्ष लीग बीआरआई लीग 1 ने इस मैच के बाद एक सप्ताह के लिए खेलों पर रोक लगा दी है। इस मैच में पर्सेबाया ने 3-2 से जीत हासिल की थी। इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ (पीएसएसआई) ने कहा कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है।

नई दिल्ली: अमेरिका ने ईरान के साथ डील करने के आरोप में एक भारतीय कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है। बाइडेन सरकार ने ईरान से हजारों करोड़ रुपये के पेट्रोलियम और केमिकल प्रोडक्ट खरीदने वाली साउथ और ईस्ट एशिया की 8 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें मुंबई बेस्ड एक भारतीय कंपनी का नाम भी शामिल है, जिसका नाम तिबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड है।

ऐसा पहली बार है जब किसी भारतीय कंपनी पर यूएस ने ईरान के साथ डील करने के आरोप पर कार्रवाई की गई है। अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने बताया है कि यूएस की कार्रवाई उन ईरानी दलालों और हॉन्ग कॉन्ग, यूएई और भारत की कुछ कंपनियों पर की गई है जो ईरान पर यूएस प्रतिबंध के बाद भी कुछ पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट्स खरीद रहे थे।

भारतीय पेट्रो कंपनी तिबालाजी पर आरोप है कि यह चीन के रास्ते प्रतिबंधित ईरानी दलाल कंपनी ट्रिलियंस पेट्रोकेमिकल और फारस की खाड़ी पेट्रोकेमिकल उद्योग वाणिज्यिक के जरिए करोड़ों रुपये के पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट खरीद रही थी।

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिका, अल्बानिया की ओर पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर भारत मतदान से दूर रहा। इस प्रस्ताव में रूस के अवैध जनमत संग्रह और यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निंदा की गई थी। इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस यूक्रेन से अपने सैन्य बलों को तत्काल वापस बुलाए। 15 देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए उस प्रस्ताव पर मतदान किया, जिसमें रूस के अवैध "जनमत संग्रह" और डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया के विलय की निंदा की गई थी।

इस प्रस्ताव के खिलाफ रूस द्वारा वीटो किए जाने के कारण यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका। 15 देशों की परिषद में से, 10 देशों ने प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया और चार देशों ने इस मतदान में भाग नहीं लिया, इसमें भारत भी एक देश है। रूस ने घोषणा की है कि यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया के यूक्रेनी क्षेत्रों का जनमत संग्रह के बाद रूस में विलय किया गया है।

वाशिंगटन: अमेरिका ने रूस की ओर से यूक्रेन के कुछ हिस्से के विलय को फर्जी करार देते हुए खारिज कर दिया है। इसके साथ-साथ अमेरिका ने रूस के 1000 से अधिक लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। जिनमें सेंट्रल बैंक गवर्नर और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्यों के परिवार भी शामिल हैं। यूक्रेन के चार क्षेत्रों को अपने देश में शामिल करने के ऐलान के साथ ही पुतिन ने यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए बैठने का आग्रह भी किया, लेकिन आगाह किया कि मास्को रूस में शामिल किए गए उसके हिस्से को नहीं छोड़ेगा।

अमेरिकी वाणिज्य विभाक ने अपनी सूची में 57 कंपनियों को शामिल किया है तो वहीं विदेश विभाग ने 900 लोगों के नाम वीजा पाबंदी सूची में जोड़े हैं। वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा, 'हम पुतिन के साथ खड़े नहीं होंगे क्योंकि वह धोखे से यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्रालय और अमेरिकी सरकार रूस के पहले से ही खराब हो चुके सैन्य औद्योगिक परिसर को और कमजोर करने तथा इसके अवैध युद्ध छेड़ने की क्षमता को कमजोर करने के लिए आज व्यापक कार्रवाई कर रहे हैं।

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