ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

वॉशिंगटन: अमेरिका में गांजा रखने के हजारों दोषियों को माफी दे दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। फेडरल लॉ के तहत इस ड्रग को अपराधमुक्त करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। बाइडेन ने कहा, 'यह फैसला मेरी उस सोच को दर्शाता है कि गांजा का इस्तेमाल या उसे रखने पर किसी को जेल नहीं होनी चाहिए। मारिजुआना को लेकर हमारे असफल नजरिए के कारण बहुत से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यह गलत चीजों को सही करने का समय है।'

बाइडेन ने कहा कि मारिजुआना रखने के लिए लोगों को जेल भेजा जा रहा है, जबकि कई राज्यों में यह प्रतिबंधित नहीं है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बाइडेन ने इस मामले को हैंडल करने के तरीकों का जिक्र किया। उन्होंने इसे लेकर होने वाले नस्लीय भेदभाव की भी बात की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि श्वेत और अश्वेत सभी तरह के लोग गांजे का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन श्वेतों की तुलना में ज्यादातर अश्वेतों को ही मारिजुआना का इस्तेमाल करने या रखने के मामले में गिरफ्तार किया जाता है।

स्टॉकहोम: फ्रांसीसी लेखक एनी एरनॉक्‍स को साहित्‍य का नोबेल पुरस्‍कार दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार निजी यादों की परतों, जड़ों को स्पष्टता और साहस के साथ लिखने के लिए दिया गया। अपने लेखों में एनी एरनॉक्‍स ने लगातार कई बिंदुओं से अपने जीवन को जांचा-परखा है। इसमें लैंगिक असमानता, भाषा और वर्गवाद को लेकर भी निडरता से बात रखी है। लेखन में उनका रास्ता लंबा और कठिनाई भरा रहा। एनी का जन्म 1940 में हुआ था और वो नॉरमेन्डी के एक छोटे कस्बे येवेटोट में बड़ी हुईं। उनके माता-पिता एक ग्रोसरी स्टोर और एक कैफे चलाते थे। बचपन में उनके पास अधिक संसाधन नहीं थे। उनके शुरूआती प्रोजेक्ट्स में अपने ग्रामीण परिवेश से उनका संर्घष लगातार दिखता है। उन्होंने कल्पना से परे लेखन की सीमाओं को चुनौती दी।

एनी एरनॉक्‍स की पहली किताब लेस अरमोरिस वीदेस थी। साल 1974 में आई इस किताब का 1990 में 'क्लीन्ड आउट" के नाम से अनुवाद हुआ। इन कामों में उन्होंने अपनी नॉरमल पृष्ठभूमि को खंगाला, लेकिन 1983 उनकी चौथी किताब ला प्लेस का 1992 में ए मैन्स प्लेस के तौर पर अनुवाद हुआ।

बैंकाक: थाइलैंड के पूर्वोत्तरी प्रांत में मास शूटिंग में कम से कम 34 लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा है कि मरने वालों में 23 बच्चे हैं। अब भी पूरी जानकारी नहीं मिली है। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मरने वालों में कई बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक घटना में और भी लोगों की जान जाने की पुष्टि हो सकती है। घटना के बारे में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि गोलीबारी करने वाला शख्स पूर्व पुलिसकर्मी है। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि बच्चों पर चाकू से भी हमले किए गए हैं। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। पुलिस का कहना है कि हमलावर सफेद रंग की टोयोटा गाड़ी से आया था जिसपर बैंकॉक की ही नंबर प्लेट है। एक पुलिसकर्मी का कहना है कि मरने वालों में 23 बच्चे हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमला करने वाले अपनी पत्नी और बच्चे को भी गोली मार दी। इसके बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।

कैलिफोर्निया: अमेरिका के कैलिफॉर्निया में किडनैपिंग का शिकार हुए भारतीय मूल के परिवार के लोगों के शव पाए गए हैं। मरने वालों में 8 महीने का मासूम बच्चा भी शामिल है। इन लोगों को मर्स्ड काउंटी से किडनैप कर लिया गया था और उनकी तलाश की जा रही है। कैलिफॉर्निया प्रशासन ने भारतीय मूल के परिवार के लोगों की मौत की पुष्टि की है। सोमवार को यह परिवार लापता हो गया था और तब से ही उनकी तलाश की जा रही थी। इस मामले में 48 साल के एक शख्स को हिरासत में लिया गया है। हालांकि शुरुआती दौर में किडनैपिंग का लग रहा यह केस अब बड़ा मोड़ ले चुका है। जघन्य हत्याकांड के चलते सनसनी फैल गई है और भारतीय मूल के लोगों में डर का माहौल है।

मर्स्ड काउंटी के शेरिफ वर्न वार्नके ने कहा कि यह घटना बेहद जघन्य और डराने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने जिस शख्स को हिरासत में लिया है, उसे सर्विलांस वीडियो में देखा गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी शख्स परिवार को जबरदस्ती ट्रक में धकेल रहा है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख