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लंदन: ब्रिटेन के संसद परिसर में बुधवार को बड़ा आतंकी हमला नाकाम कर दिया गया। संसद के निकट कार सवार एक हमलावर ने दर्जन भर लोगों को पहले कार से कुचल दिया और फिर गेट पर तैनात पुलिसकर्मी पर चाकू से हमला बोल दिया। संसद के बाहर हुये हमले में पांच लोगों की मौत हो गयी है और 40 अन्य घायल हो गये हैं। पुलिस ने बताया कि हमलावर ने पहले संसद से थोड़ी ही दूर पर स्थित वेस्टमिंस्टर पुल पर पैदल चल रहे लोगों को कार से कुचलना शुरू कर दिया जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी और उसके बाद हमलावर ने संसद के समीप पुलिस पर चाकू से हमला कर दिया। बाद में हमलावर भी मारा गया। पुलिस इसे आतंकवादी घटना मान रही है। वहीं लंदन हमले के बाद बुधवार देर रात को एफिल टावर की लाइट को बंद किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, लंदन में हुए आतंकवादी हमले से गहरा दुख पहुंचा है। पीड़ित परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। लेकिन सतर्क सुरक्षाबलों ने हमलावर को वहीं ढेर कर दिया। घटना के बारे में पैलेस ऑफ संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कामंस के नेता डेविड लिडिंगटन ने कहा कि उस वक्त संसद सत्र चल रहा था और हमलावर अंदर घुसने की फिराक में था। गोलियों की आवाज के बाद संसद परिसर में खतरे का सायरन गूंज उठा और संसद की कार्यवाही रोक दी गई। हालांकि सांसदों, संसदकर्मियों और पत्रकारों से अंदर ही रहने को कहा गया।

वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने अमेरिका की ‘सामरिक धैर्य’ की नीति के खत्म होने की बात कहते हुए कहा कि अमेरिका चीन से उम्मीद करता है कि वह अपने सहयोगी उत्तर कोरिया को उसके परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को बंद करने के लिये राजी करेगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि चीन उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल विकसित करने से रोकने और उत्तर कोरियाई लोगों के बेहतर भविष्य के लिये कदम उठाने के लिये सहमत करने में अपनी भूमिका को और बढ़ाएगा।’’ यह बयान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ‘‘बेहद बुरी तरह बर्ताव कर रहे हैं।’’ प्योंगयांग ने शनिवार को एक नये तरीके के उच्च गति वाले रॉकेट इंजन का जमीनी परीक्षण किया था। ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ ने परीक्षण को उत्तर कोरिया के स्वदेशी रॉकेट उद्योग में ‘‘एक बड़ी ऐतिहासिक घटना’’ करार दिया था। अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के अपनी जापान, दक्षिण कोरिया और चीन की यात्रा पूरी करने के बाद ट्रंप को अपने दौरे की संक्षिप्त जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्होंने यह बयान दिया। स्पाइसर ने कहा, ‘‘इस यात्रा ने अमेरिका और चीन के नेताओं के बीच भावी वार्ताओं का मंच तैयार किया है।’’

बीजिंग: बिहार में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के भाग लेने से नाराज चीन ने सोमवार को भारत को चेताया कि वह द्विपक्षीय संबंधों में बाधा से बचने के लिए उसकी मुख्य चिंताओं के विरूद्ध कदम नहीं उठाए। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाताओं से कहा, भारतीय पक्ष ने चीन के कड़े विरोध एवं आपत्ति को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए बौद्ध धर्म पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 14वें दलाई लामा को बुलाया। उन्होंने कहा, चीन इससे पूरी तरह निराश है और इसका पुरजोर विरोध करता है। प्रवक्ता ने कहा, हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वह दलाई लामा समूह के चीन विरोधी पृथकतावादी स्वभाव को देखे और तिब्बत एवं इससे जुड़े सवालों पर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे, चीन की मुख्य चिंताओं का सम्मान करने के साथ ही चीन—भारत संबंधों को आगे बाधित और कमजोर करने से बचे।

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले इराक में सैनिकों को भेजने और फिर उन्हें वापस बुलाने के अपने पूर्ववर्ती के फैसले पर सवाल उठाया और इस युद्धग्रस्त देश में स्थिरता बनाये रखने के लिए सहयोग देने का आश्वासन दिया। अमेरिका की यात्रा पर आये इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी के साथ व्हाइट हाउस के कैबिनेट कक्ष में ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘शायद हमें वहां जाना नहीं चाहिये था और निश्चित रूप से हमें वापस नहीं आना चाहिये था। इससे खालीपन पैदा हो गया। हमने चर्चा की कि क्या हुआ।’ ओवल ऑफिस में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा कि उनका मुख्य जोर आईएस से छुटकारा पाने पर है। उन्होंने कहा, ‘हम आईएस से छुटकारा पाने जा रहे हैं. यह होगा. यह अब हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जनरल (सेवानिवृत) जेम्स मैटिस और उनकी टीम ने अच्छा काम किया है। अल अबादी ने कहा कि आईएस एक आतंकवादी संगठन है जो विश्व की सुरक्षा के लिए खतरा है। अरबी भाषा में बात करते हुये इराकी प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आईएस से लड़ने में इराक आगे है। प्रधानमंत्री और उनका प्रतिनिधिमंडल कुछ दिन वाशिंगटन में रहेंगे और इस दौरान उनकी कांग्रेस के नेताओं से भी मुलाकात करने की संभावना है।

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