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अपुलिया (इटली): जी7 शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। सम्मेलन का आयोजन इटली में हो रहा है। सम्मेलन के एक आउचरीच सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) में राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने वाले पहले कुछ देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता पर आधारित है।

पीएम मोदी ने कहा कि हम 2070 तक नेट जीरो के तय लक्ष्य को पाने के अपने कमिटमेंट को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमें मिलकर आने वाले समय को 'हरित युग' बनाने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए भारत ने मिशन लाइफ यानि लाइफस्‍टाइल ऑफ एनवायरमेंट की शुरुआत की है। इस मिशन पर आगे बढ़ते हुए 5 जून पर्यावरण दिवस पर मैंने एक कैंपेन शुरू किया है– एक पेड़ मां के नाम। अपनी मां से सभी प्यार करते हैं। इसी भाव से हम वृक्षारोपण को एक व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 2047 तक विकसित भारत का निर्माण हमारा संकल्प है। हमारी प्रतिबद्धता है कि समाज का कोई भी वर्ग पीछे न छूटे। ग्लोबल साउथ के देश वैश्विक अनिश्चितताओं और तनाव का खामियाजा भुगत रहे हैं। ग्लोबल साउथ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखना भारत की जिम्मेदारी है। हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकी संघ को समूह का स्थायी सदस्य बनाया।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई लोग यूरोपीय संसद के चुनावों में व्यस्त थे। भारत में भी कुछ महीने पहले चुनाव का समय था। मेरा सौभाग्य है कि भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार उनकी सेवा करने का अवसर दिया। भारत के लोगों ने इस ऐतिहासिक जीत के रूप में जो आशीर्वाद दिया है, वह लोकतंत्र की जीत है। यह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की जीत है।

पीएम मोदी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी टेक्नोलॉजी की सदी है। मानव जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलु होगा जो टेक्नोलॉजी के प्रभाव से वंचित हो। एक तरफ जहाँ टेक्नोलॉजी मनुष्य को चांद तक ले जाने का साहस देती है, वहीं दूसरी ओर साइबर सिक्‍योरिटी जैसी चुनौतियां भी पैदा करती है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि टेक्नोलॉजी का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे, समाज के हर व्यक्ति के सामर्थ्य को उजागर करे, सामाजिक असमानताओं को दूर करने में मदद करे और मानवीय शक्तियों को सीमित करने की बजाय उनका विस्तार करे।

उन्होंने कहा कि यह केवल हमारी अभिलाषा नहीं, हमारा दायित्व होना चाहिए। हमें टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को सर्वाधिकार में बदलना होगा। हमें टेक्नोलॉजी को संहारक नहीं सृजनात्मक रूप देना होगा। तभी हम एक समावेशी समाज की नींव रख सकेंगे। भारत अपनी इस ह्यूमन-सेंट्रिक एप्रोच के जरिए एक बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में भारत राष्ट्रीय रणनीति बनाने वाले पहले कुछ देशों में शामिल है। इसी रणनीति के आधार पर हमने इस वर्ष एआई मिशन लॉन्च किया है। इसका मूल मंत्र है एआई फॉर आल। ग्‍लोबल पार्टनरशिप फोर एआई के संस्थापक सदस्य और लीड चेयर के रूप में हम सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।

मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष भारत की मेज़बानी में की गई जी-20 समिट के दौरान हमने एआई के क्षेत्र में इंटरनेशनल गवर्नेंस के महत्व पर बल दिया। भविष्य में भी एआई पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए हम सभी देशों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।

विदेशी नेताओं से की मुलाकात

संबोधन से पहले पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अलावा कई नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की और गले लगकर उनका अभिवादन किया।

एक दिन पहले इटली पहुंचे पीएम मोदी

बता दें, प्रधानमंत्री मोदी एक दिन पहले तीसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद पहले विदेश दौरे पर इटली पहुंचे। भारतीय राजदूत वाणी राव ने उनका स्वागत किया। इटली पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने कहा- वैश्विक नेताओं के साथ उत्पादक चर्चाओं में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। हमारा लक्ष्य साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्ज्वल भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।

जी7 की जैतून के पेड़ से तुलना

इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक पर अपने बढ़ते फोकस के महत्व पर चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि इटली प्रेसिडेंसी ने जिस महत्वपूर्ण मुद्दे को प्राथमिकता दी है, वह अफ्रीका से जुड़ा हुआ है। यह सिर्फ अफ्रीका ही नहीं बल्कि प्रवास से जुड़ा मामला और मानव तस्करी से जुड़ा मामला है। उन्होंने जी7 की तुलना जैतून के पड़ों की पत्तियों से की, जिनकी जड़े मजबूत और शाखाएं भविष्य की ओर फैली हुई हैं।

सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ-साथ मेहमान देश भी शामिल

सम्मेलन में मेजबान इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के अलावा 10 मेहमान देश शामिल हैं।

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