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यरूशलम: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इजरायल के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर व्यापक द्विपक्षीय और क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा की और दोनों देशों ने आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करने की बात कहते हुए इस समस्या से निपटने के लिए समन्वय तेज करने पर सहमति जताई। विदेश मंत्री के रूप में पश्चिम एशिया की पहली यात्रा पर आईं सुषमा ने राष्ट्रपति रेउवेन रिवलिन और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अलावा अन्य शीर्ष नेताओं से भी बातचीत की। बैठकों का ब्योरा साझा करते हुए एक अधिकारी ने कहा, 'इस बात पर जोर दिया गया कि भारत के आसपास के क्षेत्र और इजरायल के आसपास के क्षेत्र दोनों में ही उथल-पुथल है। आतंकवाद ने अलग तरह के हालात पैदा किये हैं जिनमें देशों के बीच, खासतौर पर भारत और इजरायल के बीच समन्वय की जरूरत है। इस बात पर सहमति बनी कि भविष्य में सूचनाओं का आदान-प्रदान जारी रहेगा।' सुषमा ने कहा कि उन्हें क्षेत्र में हालात का आकलन करने की और दोनों पक्षों के सहयोग वाले क्षेत्रों को चिन्हित करने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, 'भारत इजरायल के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास को सर्वोच्च महत्व देता है। हमारा द्विपक्षीय सहयोग पिछले दो दशक में कई क्षेत्रों में बढ़ा है लेकिन हमारे रिश्तों की क्षमता और भी ज्यादा है।' विदेश मंत्रालय का भी प्रभार देख रहे नेतन्याहू ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच संबंध और दोस्ती काफी फूले-फले हैं। उन्होंने सुषमा स्वराज से कहा, 'मैं आपका यहां स्वागत करते हुए और मेरे अच्छे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को अपना अभिवादन भेजते हुए खास खुशी महसूस कर रहा हूं। भारतीय राष्ट्रपति की यात्रा में इन बढ़ते संबंधों की अभिव्यक्ति झलकी थी जो भारत के किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्री थी।'

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